सत्य का संग करने से ही होता सत्संग : सुखदेव
जागरण संवाददाता, जींद : कलाधारी सत्संग मंडल के तत्वावधान में रोहतक रोड स्थित कलाधारी सत्संग भवन में
जागरण संवाददाता, जींद : कलाधारी सत्संग मंडल के तत्वावधान में रोहतक रोड स्थित कलाधारी सत्संग भवन में चल रहे दिव्य ज्ञान अमृत धारा सत्संग एवं आनंद अनुभूति शिविर में बाल ऋषि सुखदेव महाराज ने सभी श्रद्धालुओं को ज्ञान अमृत एवं आनन्द अनुभूति का रसपान कराया। उन्होंने कहा कि सत्य का संग करने से ही सत्संग होता है, केवल गाना और सुनना सत्संग नहीं होता। छल-कपट द्वारा कमाया गया धन और कोठी-बंगले तो किसी के साथ नहीं जाते, परन्तु इस धन को कमाने के लिए किए गए कर्म का भुगतान हर इंसान को करना पड़ता है। बुरे कार्यो के लिए तो ये मन हमेशा तैयार रहता है। संपूर्ण जीवन ये मन इसान को भटका कर रखता है। इंसान इस मन के साथ लगकर लोभ एवं स्वार्थ के जरिये नाशवान वस्तुओं को इकट्ठा करता रहता है, परन्तु सच्चाई तो ये है कि कुछ भी पास में रहने वाला नहीं। स्वार्थ का मतलब है कि अपना काम निकलने के बाद दूसरों को धोखा देना, परन्तु सोचो कि धोखा देकर तुम क्या हासिल कर लेते हो? कुछ देर का सुख या नाशवान वस्तुएं। लोभ, मोह एवं स्वार्थ केवल नाशवान संसार की ओर ले जाते हैं, जहां केवल अंधेरा ही अंधेरा है। वही अगर परमपिता प्रभु भगवान जी की अपार कृपा से पूर्ण सतगुरु हमारे जीवन में आ जाए, तो वह भक्त के अंदर सत्य ज्ञान की ज्योत को जलाकर उसे सत्य स्वरूप परमपिता प्रभु भगवान जी की ओर ले जाते है, जहां अपार सुख, अथाह शांति एवं आनंद ही आनंद हैं। जैसा हमारा लक्ष्य होगा, वैसे ही लक्षण हमारे अंदर आएंगे और वैसा ही हमें प्राप्त होगा। उन्होंने हमारा लक्ष्य, प्रभु से मिलन का नारा लगवाते हुए कहा कि आओ मिलकर, एक लक्ष्य बनाएं, खुद जागे और सबको जगाएं।