पशुओं के लिए नहीं स्वच्छ पीने का पानी
संवाद सहयोगी, अलेवा : एक तरफ तो सरकार मुर्राह नस्ल की भैंस को पालने के लिए किसानों तथा पशुपालकों को
संवाद सहयोगी, अलेवा : एक तरफ तो सरकार मुर्राह नस्ल की भैंस को पालने के लिए किसानों तथा पशुपालकों को प्रेरित कर रही है, वहीं दूसरी तरफ पशुओं के पीने के लिए कई गावों में स्वच्छ पानी नहीं है। भीम सिंह ठेकेदार, पवन कुमार, रामकरण, प्रमोद कुमार, अमरजीत, रामकरण, रमेश इत्यादि ने बताया कि गाव शाहपुर में करीब आधा दर्जन जोहड़ हैं जिनकी हालत दयनीय है। इनमें राजकीय कन्या प्राथमिक पाठशाला के पास स्थित जोहड़ है उसमें करीब चार साल से पशुओं के पीने के लिए स्वच्छ पानी नहीं है।
उन्होंने बताया कि जोहड़ में गंदा पानी होने के कारण या तो उनको गाव से बाहर तालाब पर जाना पड़ता है या फिर खेत में स्थित ट्यूबवेलों पर जाना पड़ता है। उन्होंने बताया कि राजकीय कन्या प्राथमिक पाठशाला के पास वाला तालाब कई एकड़ में फैला हुआ है लेकिन गंदा पानी भरा होने तथा पानी पर घास उगा होने के कारण मौत का कुआ बना हुआ है। यदि कोई पशु इस घास में गलती से चला जाता है तो उसको बाहर निकालने में भारी मुश्किल का सामना करना पड़ता है।
ट्यूबवेल का पानी ही एकमात्र सहारा
ग्रामीणों ने बताया कि गाव के जोहड़ों की हालत काफी दयनीय होने के कारण सिर्फ खेत में लगे ट्यूबवेल से पानी ही उनके पशुओं के लिए एकमात्र सहारा है। उन्होंने बताया कि खेतों में ट्यूबवेलों पर बिजली न होने के कारण कई बार वहां पर भी पानी नहीं मिल पाता है उसके बाद तो पशुपालकों को अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
सभी जोहड़ गंदे पानी से लबालब
गाव में करीब आधा दर्जन जोहड़ हैं, जो कि गाव की नालियों के गंदे पानी के जमा होने से कीचड़ व गंदे पानी से लबालब रहते हैं जिस कारण अन्यत्र पशुओं के लिए पीने के पानी के अभाव में पानी पिलाना पड़ता है जिस कारण पशुओं में भयंकर बीमारिया फैलने की आशका बनी हुई है।
कम पानी के चलते गंदगी की भरमार : राम कुमार
शाहपुर गांव के सरपंच रामकुमार ने कहा कि तालाबों को नहरी पानी कम मिलने के चलते तालाबों में गंदगी की भरमार है। जल्दी ही तालाबों में स्वच्छ पानी भरवाने का प्रयास किया जाएगा।