काल डिटेल से अध्यापक का होगा फैसला
संवाद सहयोगी, अलेवा : खांडा गांव के राजकीय स्कूल में एक दूसरी कक्षा की छात्रा के साथ छेड़छाड़ के मामले में अब फोन नंबर की काल डिटेल ही शक की निगाहों से देखे जाने वाले उक्त अध्यापक को दोषी तथा दोषमुक्त करने का काम करेगी। इसके लिए पुलिस ने पीडि़त पक्ष तथा स्कूल मुख्याध्यापक द्वारा दिए गए फोन नंबर की काल डिटेल निकलवाने की कवायद शुरू कर दी है।
जांच में अब देखना यह है कि उक्त अध्यापक काल डिटेल के आधार अपने आप को पीडि़त पक्ष तथा जिला प्रशासन के समक्ष कितना पाक साबित कर पाता है। लेकिन मामला जो भी हो पीडि़त पक्ष द्वारा पुलिस तथा जिला प्रशासन को मामले को सुलझाने के लिए करीब एक सप्ताह का समय दिए जाने के चलते जिला प्रशासन ने राहत की सांस जरूर ली है।
खाडा गांव में प्राथमिक पाठशाला में पढ़ने वाली द्वितीय कक्षा की छात्रा से छेड़छाड़ का मामला प्रकाश में आने के बाद शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों में हड़कंप मच गया था। स्कूल पर लगे ताले तथा स्थिति पर नजर रखने के लिए बृहस्पतिवार देर शाम तक स्कूल में गुप्तचर विभाग तथा शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों के साथ-साथ स्वयं खंड शिक्षा अधिकारी मौके पर डटी रही। मामले को सुलझाने के लिए देर शाम तक पंचायतों का दौर चलता रहा आखिरकार पीडि़त पक्ष ने एक अध्यापक पर शक जताते हुए उसके मोबाइल टावर की लोकेशन का पता करवाने की माग की। बाद में पंचायत पुलिस तथा शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों से मिली और लिखित में शिकायत देकर कार्रवाई की माग की। पंचायत का कहना था कि परिजनों द्वारा जिस अध्यापक पर शक जताया गया है उसके मोबाइल की लोकेशन जाच करवाई जाए। यदि अध्यापक के मोबाइल की लोकेशन गाव में ही मिलती है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए। यदि उसके मोबाइल की लोकेशन गाव में नहीं मिलती तो उसे निर्दोष करार दिया जाए।
शिक्षा विभाग ने मामला डाला पुलिस की झोली में
पीडि़त पक्ष व पंचायत के अनुरोध पर स्कूल मुख्याध्यापक तथा शिक्षा विभाग ने शक की निगाहों से देखे जाने वाले उक्त अध्यापक की फोन काल डिटेल निकलवाने की मांग पुलिस के सामने कर कहीं न कहीं मामले को पुलिस की झोली में डालने का काम किया है। अब देखना यह कि पुलिस मामले को किस अंदाज में ट्रेस करती है या फिर उक्त मामला गुमनामी के अंधेरे में चले जाने का काम करेगा फिलहाल यह सब भविष्य के गर्भ में है।
खंड शिक्षा अधिकारी डॉ. सुदेश सिवाच ने कहा कि पीडि़त पक्ष तथा पंचायत ने उक्त अध्यापक के फोन की काल डिटेल निकलवाने की मांग शिक्षा विभाग से की है। उसके लिए पुलिस को लिख दिया है। अगर काल डिटेल में उक्त अध्यापक दोषी मिलता है तो उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।