डेंटल सर्जनों ने काले बिल्ले लगाकर काम किया
जागरण संवाददाता, जींद : डेटल सर्जनों ने एमबीबीएस डॉक्टरों के बराबर वेतनमान दिए जाने की माग को लेकर शुक्रवार को भी हरियाणा सिविल डेंटल सर्जन एसोसिएशन के आह्वान पर जिले के सरकारी चिकित्सा संस्थानों के सभी डेंटल सर्जनों ने काले बिल्ले लगाकर ड्यूटी दी। सरकारी अस्पतालों में कार्यरत डेटल सर्जन पिछले तीन दिनों से काले बिल्ले लगाकर ओपीडी कर रहे है और अपना रोष व्यक्त कर रहे है। एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष डेटल सर्जन डॉ. जयसिंह ने बताया कि प्रदेश में एमबीबीएस और डेटल सर्जन का एक समान कैडर है। साल 2009 तक हरियाणा में डेटल सर्जन और मेडिकल अफसर का वेतनमान बराबर था, लेकिन छठे वेतन आयोग के लागू होने के बाद हरियाणा सरकार ने डेटल सर्जन के मामले में केंद्र की तमाम सिफारिशें लागू नहीं कर इस वर्ग के साथ भारी अन्याय किया है। अब डेटल सर्जन और एमबीबीएस के वेतन में काफी फर्क है। इसके अलावा एमबीबीएस को पाच, दस, पंद्रह वर्ष के अंतराल पर 100 प्रतिशत एसीपी दी जाती है, लेकिन डेटल सर्जन को एसीपी केवल 20 प्रतिशत कैडर को ही और वह भी 5, 11 और 17 साल के अंतर पर मिलती है। उन्होंने कहा कि हाल ही में हरियाणा सरकार ने सरकारी सेवा में एंट्री लेवल पर पे स्केल में भी डेंटल सर्जनों को अलग-थलग कर दिया है। केंद्र सरकार, पंजाब, हिमाचल और दिल्ली समेत कई राज्यों में डेंटल सर्जन और मेडिकल अफसर के पे स्केल तथा एसीपी में कोई फर्क नही है। अपने साथ हो रहे इस अन्याय को दूर करने के लिए पिछले एक साल से एसोसिएशन लगातार प्रयास कर रही है, लेकिन अभी तक सरकार ने सुनवाई नहीं की है।