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चेयरपर्सन को निदेशालय ने जारी किया कारण बताओ नोटिस

By Edited By: Published: Tue, 22 Jul 2014 06:01 PM (IST)Updated: Tue, 22 Jul 2014 06:01 PM (IST)
चेयरपर्सन को निदेशालय ने जारी किया कारण बताओ नोटिस

जागरण संवाददाता, जींद : जून माह की शुरुआत में डीसी द्वारा शहर में विकास कार्यो पर लगाई गई रोक के बाद जिला प्रशासन व नप चेयरपर्सन के बीच शुरू हुई आरोप प्रत्यारोपों की जंग डीसी कार्यालय होते हुए स्थानीय निकाय निदेशालय तक जा पहुंची है। डीसी के पत्र का हवाला देते हुए निदेशालय द्वारा नप चेयरपर्सन को जारी किये गए नोटिस के बाद आने वाले दिनों में नप चेयरपर्सन व प्रशासन के बीच तीखी जुबानी जंग देखने को मिल सकती है।

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जून में प्रथम पखवाड़े में डीसी द्वारा नप द्वारा शहर में करवाए जा रहे 18 विकास कार्यो पर रोक लगाने के आदेश जारी कर दिये थे। डीसी ने आदेशों में बताया था कि नप ने प्रशासनिक अनुमति तथा टेंडर प्रक्रिया की अनदेखी कर सरकारी निर्देशों की अवहेलना की है। रोक के लिए शहर में नप द्वारा कराए जा रहे विकास कार्यो में अनियमितता की शिकायतों का भी हवाला दिया गया था। हालांकि डीसी ने 28-29 जून को दूसरे आदेश जारी कर सशर्त विकास कार्यो पर लगी रोक हटा ली थी। इस दौरान पूर्व चेयरमेन विनोद आशरी व चेयरपर्सन के बीच जमकर जुबानी जंग देखने को मिली थी। चेयरपर्सन ने जहां विनोद आशरी व उनके ठेकेदार भाई को ढाल बनाकर डीसी व प्रदेश सरकार पर जमकर निशाना साधा था, वहीं विनोद आशरी ने चेयरपर्सन के पति धर्मेद्र पहलवान को ढाल बनाकर चेयरपर्सन को घेरने का कोई मौका हाथ से नहीं निकले दिया था। सशर्त ही सही, पर डीसी द्वारा विकास कार्यो पर लगी रोक हटाने के बाद विवाद खत्म होने की उम्मीद जागी थी, परंतु निदेशालय द्वारा जारी किये गए कारण बताओ नोटिस ने विवाद को एक बार फिर हवा दे दी है। अब देखना होगा कि आने वाले दिनों में निदेशालय के नोटिस पर चेयरपर्सन का क्या रुख होता है।

यह है नोटिस का मजमून

निदेशालय द्वारा पत्र क्रमांक 4एई 2014, दिनांक 17-7-2014 को जारी किये गए नोटिस में 8 जुलाई 2014 के पत्र का हवाला देते हुए विकास कार्यो में अनियमितताओं तथा डीसी के लिखित व मौखिक निर्देशों के बावजूद नियमों के विपरीत काम करने, बगैर डीसी की स्वीकृति व सरकार के निर्देशों के विपरीत ई-टेंडर व्यवस्था की अनदेखी करने, मुख्यमंत्री घोषणा पर पीडब्ल्यूडी द्वारा हांसी ब्रांच से निरंकारी भवन तक बनाए जाने वाले मार्ग के लिए करीब साढ़े चार करोड़ रुपये के चैक पर हस्ताक्षर नहीं कर विकास कार्यो में बाधा पहुंचाने, नप कार्यो में पति के हस्तक्षेप व नप कर्मचारियों व अधिकारियों पर अनावश्यक दबाव बनाने की लिखित शिकायतों का आधार बनाया गया है। चेयरपर्सन मुकेश देवी के पति धर्मेद्र पहलवान के हस्तक्षेप का हवाला हाल ही आयोजित खुल दरबार को बनाया गया है। जिसमें खुले दरबार में चेयरपर्सन के साथ प्रकाशित पति की फोटो को आधार बनाया गया है। निदेशालय ने डीसी व नप कार्यकारी अधिकारी तथा सचिव को संबोधित करते हुए चेयरपर्सन को डीसी के माध्यम से नोटिस का जवाब मांगा है।

राजनीति द्वेष भावना का परिणाम

चेयरपर्सन मुकेश देवी ने कहा कि सरकार के इशारे पर पहले जिला उपायुक्त उन्हें निशाना बना रहे थे, परंतु सफलता नहीं मिलने पर सरकार ने अब निदेशालय का सहारा लिया है। उन्होंने कहा कि जिला उपायुक्त की कार्यप्रणाली से आहत होकर वह तो पहले ही इस्तीफे की पेशकश कर चुकी थी, परंतु पार्षदों ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया। जब तक पार्षदों का समर्थन उनके साथ है, तब तक सरकार अपने प्रयासों में कभी भी सफल नहीं हो पाएगी। हां इस प्रकार के हथकंडे अपनाकर शहर के विकास कार्यो को अवश्य प्रभावित कर सकती है।

नोटिस मिला है, सर्व करवा दिया जाएगा

निदेशालय का प्रधान मुकेश देवी के लिए कारण बताओ नोटिस मिला है तथा निदेशालय ने नोटिस सर्व करवाने की जिम्मेदारी उन्हें सौंपी है। उपचुनाव खत्म होने के बाद मंगलवार को ही नोटिस सर्व करवाने का प्रयास किया जाएगा। नोटिस सर्व करवाने के बाद निदेशालय व जिला उपायुक्त का इससे अवगत करवा दिया जाएगा।

वीपी सांगवान, कार्यकारी अधिकारी नगर परिषद जींद।


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