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डेफ ओलंपिक में तीसरी बार विरेंद्र पहलवान ने जीता सोना, क्षेत्र में खुशी की लहर

जागरण संवाददाता, झज्जर : जिला के सासरोली गांव निवासी अर्जुन अवॉर्डी पहलवान विरेंद्र पहलवान से एक बा

By JagranEdited By: Published: Thu, 27 Jul 2017 01:01 AM (IST)Updated: Thu, 27 Jul 2017 01:01 AM (IST)
डेफ ओलंपिक में तीसरी बार विरेंद्र पहलवान ने जीता सोना, क्षेत्र में खुशी की लहर
डेफ ओलंपिक में तीसरी बार विरेंद्र पहलवान ने जीता सोना, क्षेत्र में खुशी की लहर

जागरण संवाददाता, झज्जर : जिला के सासरोली गांव निवासी अर्जुन अवॉर्डी पहलवान विरेंद्र पहलवान से एक बार फिर से विदेश की धरती पर सोना जीत कर भारत का परचम लहराया है। क्षेत्र में गूंगा पहलवान के नाम से प्रसिद्ध विरेंद्र पहलवान दो बार पहले भी मूक-बधिर ओलंपिक में गोल्ड जीत चुका है। तुर्की में चल रहे डेफ ओलंपिक में मंगलवार की रात को जॉर्जिया के पहलवान को 18-9 से मात देते हुए उन्होंने मुकाबला जीता है। विरेंद्र की इस उपलब्धि पर क्षेत्र व उसके परिजनों में खुशी की लहर है। गांव वे जिले के लोग उनके परिजनों को बधाई दे रहे हैं। विरेंद्र पहलवान पिछले दिनों आयोजित हुई विश्व मूकबधिर कुश्ती चैंपियनशिप में उन्होंने स्वर्ण पदक प्राप्त किया था। भारत सरकार की तरफ से उनकी उपलब्धियों को लेकर पिछले वर्ष में उन्हें अर्जुन अवार्ड से नवाजा गया था। तात्कालीन महामहिम राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने उन्हें अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किया था।

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2005 व 2013 में भी जीता था गोल्ड : सासरोली गांव निवासी पहलवान विरेंद्र ¨सह वर्ष 2005 में आस्ट्रेलिया के मेलबोर्न में और 2013 में बुल्गारिया में हुए डीफ ओलंपिक में भी गोल्ड जीत चुके हैं। इससे पहले भी उन्होंने राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कुश्ती मुकाबलों में अनेक पदक जीते हैं।

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टीवी के सामने बैठे रहे परिजन : अर्जुन अवार्डी पहलवान विरेंद्र ¨सह के पिता पहलवान अजीत ¨सह भी अपने समय अच्छे पहलवान रहे हैं। उनका कहना है कि उनके बेटे विरेंद् ¨सह का फाइनल मुकाबला देखने के लिए उनके सभी परिजन टीवी के सामने बैठे रहे। जब विरेंद्र ने जॉर्जिया के पहलवान को पटकनी दी तो उनके परिवार व दोस्तों में खुशी के लहर दौड़ गई। उसके बाद से ही उनके फोन पर व घर पर बधाईयां आ रही है। तीज पर्व की खुशी दोगुनी हो गई है। उनके परिवार में विरेंद्र के अलावा उसका बड़ा भाई मीर¨सह, मां माना देवी, ताऊ व ताई शामिल हैं। फिलहाल उनका परिवार दिल्ली में तीस हजारी कोर्ट के पीछे कुतुब रोड सदर बाजार में रहता है। वे समय समय पर गांव में आते रहते हैं और विरेंद्र भी आस पास क्षेत्र में होने वाले कुश्ती दंगलों में भी आते हैं।

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1 अगस्त को लौटेंगे स्वदेश : विरेंद्र के पिता अजीत ¨सह का कहना है कि विरेंद्र के साथ उसका कोच द्रोणाचार्य अवार्डी राव महावीर ¨सह गए हुए हैं। वे एक अगस्त को स्वदेश लौटेंगे। उनका कहना है कि इस बार प्रदेश सरकार ने भी डेफ ओलंपिक के पदक विजेताओं को ओलंपिक की तरह सुविधाएं व छह करोड़ रुपये इनाम देने की घोषणा कर खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाया है।

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सासरोली गांव में ही नहीं बल्कि पूरे क्षेत्र में विरेंद्र पहलवान की इस उपलब्धि से खुशी की लहर है। गांव का ही नहीं पूरे देश का नाम विश्व में ऊंचा किया है। विरेंद्र का गांव में भी स्वागत किया जाएगा।

- देवेंद्र ¨सह, सरपंच, ग्राम पंचायत सासरोली।


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