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भूख हड़ताल पर बैठने की बात आई तो एक सप्ताह का समय मांगे जाने की बात आई सामने

जागरण संवाददाता, झज्जर : कोसली रोड पर बसी किला कालोनी की रिहायशी बस्ती के नजदीक नगर पालिका द्वारा लं

By JagranEdited By: Published: Mon, 22 May 2017 01:00 AM (IST)Updated: Mon, 22 May 2017 01:00 AM (IST)
भूख हड़ताल पर बैठने की बात आई तो एक सप्ताह का समय मांगे जाने की बात आई सामने

जागरण संवाददाता, झज्जर : कोसली रोड पर बसी किला कालोनी की रिहायशी बस्ती के नजदीक नगर पालिका द्वारा लंबे समय से डाले जा रहे कूड़ा-करकट के विरोध में एकजुट हो चुके कॉलोनीवासियों में से एक व्यक्ति ने दोपहर से भूख हड़ताल पर बैठने का एलान कर दिया था। जो कि दोपहर बाद ढाई बजे से शुरू होनी थी। जैसे ही यह बात नप स्टाफ को पता चली तो उन्होंने यहां संपर्क करते हुए एक सप्ताह का समय और मांगा है। ताकि वे इस समयावधि में क्षेत्र से कूड़ा-करकट को वहां से हटा सके। इधर, नपा की ओर से एक सप्ताह का समय मांगे जाने के पक्ष को कॉलोनी के लोगों ने स्वीकार कर लिया है। हां, उन्होंने यह जरूर स्पष्ट कर दिया है कि अगर कोई समुचित कदम नहीं उठाया गया तो आने वाले दिनों में यहां पर बड़े आंदोलन का आगाज होगा।

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आखिर क्या है मामला

गौरतलब है कि पालिका की ओर से कोसली रोड क्षेत्र पर पालिका की ओर से कूड़ा डंप किया जाता है और फिर उसके बाद उठाना होता है। होने वाली इस डं¨पग की व्यवस्था से क्षेत्र से जुड़े हुए लोग आजिज आ चुके हैं। जिस पर सख्त रवैया अख्तियार करते हुए उन्होंने पिछले रविवार को क्षेत्र विशेष में बैठक करते हुए स्पष्ट किया था कि अगर एक सप्ताह में यहां स्थिति नहंी सुधरी तो उन्हें मजबूरन आंदोजन की राह अख्तियार करनी पड़ेगी।

विरोध जताने वालों में कॉलोनी के स्थानीय नागरिक सुरेंद्र नागल, किशन, पवन, सुरेंद्र एडवोकेट, रामप्रकाश, जय¨सह, सुलोचना, पुष्पा, रेखा, सरोज, सीमा, निर्मला, सुमित्रा, नीतू, कविता, हेमलता, सुशीला आदि का कहना था कि वह कई दफा विरोध स्वरूप अधिकारियों को समस्या से अवगत करा चुके है। लेकिन अभी तक कोई ऐसा कदम नहीं उठाया गया। जिससे यहां के लोगों को राहत मिल सके। अब मजबूरी वश कूड़ा व गंदगी से भरी ट्रैक्टर ट्राली जन प्रतिनिधियों के घर के बाहर खड़ी करने के अलावा रोड जाम करने जैसे कदम उठाने पड़ेंगे। उनका आरोप है कि रिहायशी इलाकों में खाली पड़ी भूमि पर नगरपालिका द्वारा कूड़े के ढेर लगाए जा रहे हैं। जिससे निकलने वाली बदबू उनका जीना हराम कर रही है और बीमारियां फैलने का खतरा भी पूरी कालोनी में बना हुआ है। समस्या का समाधान नहीं होता देखा कालोनी वासियों ने अब आर-पार के आंदोलन का निर्णय लिया है।

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-क्षेत्र के लोगों का कहना है कि एक ओर तो पूरा सरकारी तंत्र स्वच्छ भारत का ¨ढढोरा पीट रहा हैं। आए दिन कोई ना काई कार्यक्रम आयोजित किया जाता हैं। नगरपालिका की संवेदनहीनता के कारण आम जनता का जीना दूभर हो गया हैं। शहर का कचरा कोसली रोड स्थित किला कॉलानी के मकानों के समीप डाला जा रहा हैं। एक तरफ तो प्रदूषण फैलाने वाली फैक्ट्रियों को शहर से बाहर निकाला जा रहा हैं। दूसरी तरफ कालोनी के समीप कर्मचारियों ने कचरे का डंप बना रखा हैं। गंदगी के कारण क्षेत्र में बीमारियां फैलने का डर बना हुआ हैं। ऐसे में अनुरोध है कि कचरे को शहर से बाहर डम्प करवाएं। चूंकि क्षेत्रवासियों को भी स्वच्छ भारत व स्वच्छ वातावरण में रहने का पूरा अधिकार हैं।

--भूख हड़ताल पर बैठने वाले सुरेंद्र नागल का कहना है कि उन्होंने ढाई बजे से यहां पर बैठने का कार्यक्रम तय कर लिया था। लेकिन इसी बीच पालिका की ओर से कुछ कर्मियों ने उनसे संपर्क किया और अवगत कराते हुए कहा कि एक सप्ताह में यहां से कूड़ा-करकट साफ कर दिया जाएगा। जिसको उन्होंने मान लिया है। नागल का कहना है कि अगर स्थिति में सुधार नहीं आया तो आने वाले रविवार से यहां बड़े आंदोलन का आगाज होगा।

नपा सचिव नरेंद्र सैनी का कहना है कि यहां अस्थायी डं¨पग प्वाइंट है। पालिका इस विषय को लेकर गंभीर है। वैसे रोजाना कूड़ा उठाने की प्रक्रिया यहां अमल में सोमवार से ही लाई जाएगी। कूड़ा नहीं जलाने एवं अन्य विषय की ओर भी ध्यान दिया जाएगा।


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