बिजली के अघोषित कटों ने किया लोगों का जीना मुहाल
जागरण संवाददाता, झज्जर : बिजली के अघोषित कटों ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। चाहे शहरी क्षेत्र ह
जागरण संवाददाता, झज्जर : बिजली के अघोषित कटों ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। चाहे शहरी क्षेत्र हो या ग्रामीण। बिजली समय पर न मिल पाने के कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सबसे अधिक परेशानी ग्रामीण क्षेत्र में बनी हुई है। ग्रामीणों को 24 में से 12 घंटे बिजली की आपूर्ति दी जा रही है। उसमें भी कई बार अघोषित कट लग जाते हैं। बेरी क्षेत्र के ग्रामीण तो बिजली की समस्या को लेकर जाम भी लगा चुके हैं। जबकि शहरी क्षेत्र में लाइन लॉस के आधार पर लगाए जाने वाले घोषित कटों के अलावा अघोषित कटों की संख्या में इजाफा हो रहा है। बिजली की कट लगने पर जब पावर बिजली निगम के कार्यालय में बात की जाती है तो कभी लाइन ब्रेक डाउन बताई जाती है तो कभी ट्रांसफार्मर से फ्यूज उड़े बताए जाते हैं।
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एससी व कूलर चलने से बढ़ जाता है लोड :
शहर में गर्मी के मौसम में लोग गर्मी से बचने के लिए एसी व कूलर का प्रयोग अधिक कर रहे हैं। जबकि कनेक्शन लेते समय फाइल में लोड कम दर्शाया जाता है। उस लोड के हिसाब से ही ट्रांसफार्मर लगाए जाते हैं। जब लोग बिजली की चोरी करके एससी व कूलर आदि चलाते हैं या फिर किसी अन्य कारण से लाइन ब्रेक डाउन होती हैं और ट्रांसफार्मरों के फ्यूज भी उड़ जाते हैं। शहरी क्षेत्र में तो कर्मचारी आकर उस फाल्ट को दूर करके बिजली बहाल कर देते हैं। लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में तो बिजली कर्मचारी को गांवों तक पहुंचने में ही काफी समय लग जाता हैं। अगर कृषि क्षेत्र की लाइन हो तो उसे ठीक करने में दो से तीन दिन भी लग सकते हैं।
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बिजली उप उपभोक्ता : करीब 2 लाख
-पावर हाउस कुल : 35
-220 केवी : 2
-132 केवी : 10
-33 केवी : 23
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बिजली वितरण का शेडयूल :
-शहरी घरेलू क्षेत्र : 24 घंटे (जहां लाइन लॉस नहीं है)
- लाइन लॉस है : वहां निगम के शेड्यूल के अनुसार
-औद्योगिक क्षेत्र : 24 घंटे
-ग्रामीण घरेलू क्षेत्र : 2 ग्रुप, आपूर्ति 12 घंटे।
- कृषि क्षेत्र : 8 घंटे।
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ऐसे होता है बिजली वितरण सिस्टम : बिजली उत्पादन के लिए स्थापित किए गए पावर प्लांटों से पावर ग्रीड से बिजली की 132 केवी की बिजली की लाइन 132 केवी सब स्टेशन तक बिजली पहुंचाती हैं। यहां से 33 केवी की लाइने निकलती हैं और ये लाइनें 33 केवी पावर हाउसों तक बिजली पहुंचाती हैं। यहां से 11 केवी की लाइने लोगों के घरों
तक बिजली पहुंचाने वाले ट्रांसफार्मरों तक बिजली पहुंचाती हैं। उसके बाद एलटी लाइनों के माध्यम से थ्री फेस बिजली मीटरों तक पहुंचती है।
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शेड्यल के अनुसार बिजली का वितरण किया जा रहा है। लाइन लॉस के हिसाब से शहरी क्षेत्र में बिजली की आपूर्ति की जा रही है। अगर किसी कारण वश बिजली काटी जाती है तो उसकी पूर्ति भी कर दी जाती है।
- एसके चावला, एसई, बिजली निगम, झज्जर।