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प्रतिबंध के बाद शहर में सरेआम चल रही मीट की दुकानें

जागरण संवाददाता, झज्जर : शहर में प्रतिबंध के बावजूद मीट की दुकानें धड़ल्ले से चल रही हैं। मीट का अवैध

By JagranEdited By: Published: Mon, 24 Apr 2017 01:00 AM (IST)Updated: Mon, 24 Apr 2017 01:00 AM (IST)
प्रतिबंध के बाद शहर में सरेआम चल रही मीट की दुकानें

जागरण संवाददाता, झज्जर : शहर में प्रतिबंध के बावजूद मीट की दुकानें धड़ल्ले से चल रही हैं। मीट का अवैध रूप से कारोबार करने वाले लोग अपनी दुकानों में ही पशु व पक्षियों का वध करते हैं और उससे निकलने वाला खून भी नालियों में बहता रहता है। जिससे लोगों को भी परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं। लेकिन संबंधित विभाग की तरफ से इन दुकानों को शहर से बाहर स्लाटर हाउस में स्थानांतरित करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है। पिछले दिनों नगर पालिका कार्यालय में हुई हाउस की मी¨टग में भी पार्षदों ने शहर में चल रही मीट की दुकानों को स्लाटर हाउस में स्थानांतरित करने व शहर में मीट के अवैध कारोबार पर रोक लगाने के लिए सर्वसम्मति से प्रस्ताव भी पारित किया गया था। लेकिन इसके बावजूद नपा की तरफ से फिलहाल तक कोई अमल में नहीं लाई गई है।

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तलाव रोड पर शहर से बाहर है स्लाटर हाउस :

मीट की दुकानों के लिए नगर पालिका की तरफ से शहर के बाहर तलाव रोड पर स्लाटर हाउस बनाया गया है। ताकि मीट की दुकाने एक स्थान पर हों और लोग वहां से ही खरीदारी करें। यहां पर एक दर्जन से अधिक दुकाने बनाई गई हैं। इनमें मात्र तीन चार मीट विक्रेता ही दुकाने खोलते हैं। इसके अलावा सभी दुकानों पर ताले लटके रहते हैं। यहां पर पशु व पक्षियों के वध के लिए भी स्थान निर्धारित किया गया है।

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सिलानी गेट में हैं सबसे अधिक मीट की दुकानें :

शहर में सबसे अधिक मीट की दुकाने शहर के सिलानी गेट क्षेत्र में हैं। यह क्षेत्र शहर के लघु सचिवालय, अनाज मंडी, बाजार व सब्जी मंडी के साथ लगती हैं। यहां पर दिन भर लोगों का आवागमन लगा रहता है। इसके अलावा पुराने बस स्टैंड के साथ गली में, बेरी गेट, रहणियां कालोनी, तीन मूर्ति मंदिर के साथ भी मीट की दुकानें अवैध रूप से चल रही हैं।

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छोड़े जाने वाले अवशेष से किसानों को हो रही परेशानी :

स्लाटर हाउस में फिलहाल मीट की कुछ दुकाने ही चल रही हैं। यहां पर चल रही दुकानों पर बेचे जाने वाले पशु व पक्षियों के छोड़े जाने वाले अवशेषों के कारण आसपास क्षेत्र के किसान व घरों में रहने वाले लोगों को सबसे अधिक परेशानी है। कुत्ते इन अवशेषों को उठाकर घरों व खेतों में ले आते हैं। स्लाटर हाउस की चार दीवारी के निर्माण की मांग नगर पालिका के हाउस की मी¨टग में वार्ड पार्षद की तरफ से उठाई गई थी। उस समय सभी पार्षदों ने इसका समर्थन किया था और सर्वसम्मति से प्रस्ताव भी पारित किया गया था। पार्षद ने कहा था कि स्लाटर हाउस की चारदीवारी बना कर गेट लगा दिया जाए ताकि समस्या का कुछ समाधान हो सके। लेकिन चार दीवारी का काम भी शुरू नहीं हो पाया है।

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जल्द ही मीट की दुकानों को शहर से हटवाने के लिए अभियान चलाया जाएगा। मीट की दुकानों को स्लाटर हाउस में स्थानांतरित करवाया जाएगा। अगर उसके बाद भी शहर में मीट की दुकाने चलती हैं तो उन लोगों के चालान काटे जाएंगे।

- समीर श्रीवास्तव, सचिव नपा, झज्जर।


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