नौ दिन के अनशन के बाद घटने लगा अनशनकारी सुनील का ब्लड प्रेशर
जागरण संवाददाता, झज्जार : गोकुल धाम संचालक युवा सुनील निमाणा का जलाहारी अनशन आज नौवें दिन में प्रवेश
जागरण संवाददाता, झज्जार : गोकुल धाम संचालक युवा सुनील निमाणा का जलाहारी अनशन आज नौवें दिन में प्रवेश कर गया है। जैसे-जैसे अनशन का समय बढ़ता जा रहा है वैसे ही अनशनकारी सुनील की सेहत को भी नुकसान हो रहा है। नौ दिनों से भोजन का त्याग कर मौन अनशन पर बैठे निमाणा का ब्लड प्रेशर पहले से घटने लगा है। बुधवार को भी दोबारा एसडीएम प्रदीप कौशिक की अगुवाई में चिकित्सकों की टीम ने गोकुलधाम पहुचते हुए सुनील का कुशलक्षेम जानकर अनशन को समाप्त करने की अपील की।
उल्लेखनीय है कि पहले भी करीब छ: माह से केवल अन्न का त्याग और अब हर प्रकार के भोजन का त्याग कर चुके अनशनकारी गौभक्त सुनील का कहना है कि गौभक्तों की ओर से स्थापित गोकुलधाम गौसेवा महातीर्थ अपनी अनूठी सेवाओं के लिए विख्यात होने के बावजूद जब तक आर्थिक संकट से नहीं उभरेगी, वह अपना अनशन समाप्त नहीं करेंगे। निमाणा का संकल्प है कि किराए की जमीन पर चल रहे गोकुलधाम की जब तक जमीन अपनी नहीं होगी तब तक वह मौन रहकर और केवल जल ग्रहण कर अनिश्चिताकालीन अनशन पर बैठे रहेगे।
उधर, सुनील के अन्शन के पहलू पर जिला प्रशासन भी पैनी नजर बनाए हुए है। दो दिन पहले जहा सीटीएम ने पहुचते हुए सुनील का मैडीकल चैकअप कराया था। वहीं अब दो दिन से लगातार एसडीएम प्रदीप कौशिक वहा पर पहुचते हुए बातचीत कर रहे है। कौशिक ने निमाणा से बातचीत करते हुए अन्शन को तोड़ने की अपील की। इस बारे में उन्होंने उपायुक्त आरसी बिढाण से भी बात करने को कहा है। उम्मीद है कि बुधवार को गोकुल धाम के प्रतिनिधि डीसी से भी मिले।
जल भी छोड़ने का निर्णय ले सकते है सुनील : निमाणा ने कहा कि जब तक समस्या का ठोस समाधान नहीं होगा वह अपना अनशन जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि अभी तक अनशन जलाहारी रखा था। यदि सरकार और प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया तो वह जल भी छोड़कर अपने अनशन को जारी रखेंगे।
उल्लेखनीय है कि लाचार एवं पीड़ित गौवंश को बेहतरीन ईलाज मुहैया करवाकर उनके जीवन की रक्षा करने के लिए स्थापित गोकुलधाम गौसेवा महातीर्थ हरियाणा का प्रथम गौचिकित्सालय है। महातीर्थ की स्थापना स्वयं इस युवक सुनील निमाणा ने गौभक्तों के सहयोग से की थी। हरियाणा का प्रथम गौचिकित्सालय कहलाने के बावजूद संस्थान ने गौसेवा के क्षेत्र में नये आयाम तो स्थापित किये परतु गौवंश के ईलाज के लिए मनुष्य जैसी सुविधाओं पर बड़ा खर्च होने के कारण आर्थिक संकट में फंस गया। यही नहीं किराये की जमीन पर जारी इस संस्थान की जमीन अपनी न होना भी बड़ा गंभीर विषय है। संस्थान का संचालन अपनी जमीन पर हो, इसके लिए संचालक सुनील निमाणा ने पिछले छ: माह पूर्व ही अन्न त्याग कर नंगे पैर रहने का संकल्प लिया था।
एसडीएम प्रदीप कौशिक का कहना है कि उनकी सुनील से बातचीत हुई है। अन्शन तोड़ने की अपील भी की गई है। बुधवार को संस्थान से जुड़ा प्रतिनिधिमंडल उपायुक्त से मुलाकात कर सकता है। चिकित्सकों ने उसके स्वास्थ्य की जाच भी की है। स्थिति सामान्य है।