Move to Jagran APP

स्वच्छ भारत मिशन : शहर के शौचालयों की हालत बदहाल

जागरण संवाददाता, झज्जर : प्रदेश भर में सुविधाओं के मामले में झज्जर की गिनती पिछड़े हुए क्षेत्रों म

By Edited By: Published: Thu, 29 Sep 2016 01:01 AM (IST)Updated: Thu, 29 Sep 2016 01:01 AM (IST)
स्वच्छ भारत मिशन : शहर के शौचालयों की हालत बदहाल

जागरण संवाददाता, झज्जर :

loksabha election banner

प्रदेश भर में सुविधाओं के मामले में झज्जर की गिनती पिछड़े हुए क्षेत्रों में होती है। सुविधाओं के नाम पर जिला बनने के 18 साल बाद भी झज्जर पूरी तरह से विकसित नहीं हो पाया है। शहर में चार स्थानों पर सामुदायिक शौचालय बनाए गए हैं। इनमें एक शौचालय पुराना सामान्य बस स्टैंड, एक डाकखाना मैदान, एक छिकारा चौक व एक अदालत परिसर के पास बनाया गया है। लेकिन डाकखाना मैदान के शौचालय पर अधिकांश समय ताला लटका रहता है। वहीं यहां पर ताश खेलने वाले लोगों व नशेड़ियों का जमावड़ा लगा रहता है। जबकि अदालत परिसर के पास बनाए गए शौचालय पर भी ताला अधिकांश समय लटका दिखाई देता है। हालांकि नगर पालिका के अधिकारियों की बात मानी जाए तो यह सामुदायिक शौचालय उनके अधीन नहीं है। शहर के मुख्य बाजार में डाकखाना मैदान को छोड़कर कहीं भी सामुदायिक शौचालय है ही नहीं। बाजार में खरीदारी करने के लिए आने वाले लोगों व दुकानदारों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। झज्जर जिला मुख्यालय पर आने वाले लोगों को शौचालय की सुविधाएं न मिलने के चलते लोग प्रशानिक अधिकारियों को कोसते रहते हैं। खास का महिला वर्ग को सबसे अधिक परेशानी का सामना करना पड़ता है। कुछ वर्ष पहले नगर पालिका के माध्यम से शहर के मुख्य बाजार, पार्को व सार्वजनिक स्थानों पर लाखों रुपये की लागत से मोबाईल टायलेट रखे गए थे। लेकिन आज लाखों रुपये खर्च करने के बावजूद लोगों को इनका कोई खास लाभ नहीं मिल पाया और इनकी पानी व सफाई तक की व्यवस्था न होने के कारण यह लोगों को इनकी कोई विशेष सुविधा नहीं मिल पाई। अब यह शौचालय भी कम ही दिखाई दे रहे हैं।

शहर की बजाए ग्रामीण क्षेत्र स्वच्छता की दिशा में कुछ कदम बढ़ाने लगा है। जिले के 17 गांव पूरी तरह से खुले में शौच मुक्त किए जा चुके हैं। जबकि 59 गांवों को दो अक्टूबर को खुले में शौच मुक्त कर दिया जाएगा। जिले के विभिन्न गांवों को खुले में शौच मुक्त बनाने के लिए 8590 शौचालय बनाने का लक्ष्य विभाग की तरफ से स्वच्छ भारत मिशन के तहत रखा गया था। इसके तहत जिले में 31 अगस्त तक 7963 शौचालयों का निर्माण किया गया है। जबकि ग्राम पंचायतों के माध्यम से 17 गांव पूरी तरह से शौच मुक्त किए गए हैं, इनमें आठ गांव राष्ट्रीय स्तर पर स्वच्छता की सूची में शामिल हो गए हैं। जबकि 9 गांव इंटर डिस्ट्रीक सूची में शामिल हो रहे हैं। जबकि 59 गांवों को जिला स्तर पर खुले में शौच मुक्त करने की मुहिम अंतिम चरण में है। जबकि जिले में स्वच्छ भारत मिशन के शौचालयों के निर्माण के लिए करीब 12 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि भी सरकार की तरफ से लोगों को प्रदान की जाती थी। इस योजना के तहत विभाग के रिकार्ड के अनुसार 6117 परिवारों को यह प्रोत्साहन राशि प्रदान की जा चुकी है।

----

नपा की बैठक में शौचालयों के लिए प्रस्ताव पारित

हालांकि नगरपालिका की 19 सितंबर को हुई हाउस की मीटिंग में शहर के पार्को में व बाजारों में सार्वजनिक शौचालय बनवाने व जहां पर जगह नहीं है वहां पर मोबाइल शौचालय किराए पर लाने प्रस्ताव पारित किया जा चुका है। नगर पालिका की तरफ से शौचालयों की व्यवस्था के लिए कार्रवाई भी शुरू की गई है।

------

शहर में सार्वजनिक व सामुदायिक शौचालयों के निर्माण के लिए एस्टीमेट तैयार करवाए जा रहे हैं। जल्द ही शहर के लोगों के लिए सार्वजनिक व सामुदायिक शौचालयों के साथ-साथ मोबाइल टायलेट की सुविधा भी मुहैया करवाई जाएगी।

-नरेंद्र सेनी, सचिव, नपा, झज्जर।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.