सरकार बाबा रामदेव को बिजनेसमैन बना सकती है तो गायों को क्यों नहीं बचा सकती : गोपाल दास
जागरण संवाददाता, झज्जर : जब सरकार बाबा रामदेव को बिजनेसमैन बना सकती है तो गायों को क्यों नहीं बचा
जागरण संवाददाता, झज्जर :
जब सरकार बाबा रामदेव को बिजनेसमैन बना सकती है तो गायों को क्यों नहीं बचा सकती। गायों के गोकुल धाम योजना के लिए सरकार की तरफ जारी किया गया 400 करोड़ रुपये का बजट कहां चला गया। 1600 करोड़ रुपये केंद्र की तरफ से राहत व आपदा के नाम पर जारी किया गया बजट कहां हैं। इसकी चांच होनी चाहिए। एक तरफ सरकार बिरयानी के पर राजनीति कर रही है और दूसरी तरफ गोवंश देख रेख के आभाव में मर रहा है। सरकार को सीएसआर सोसायटी के नाम पर ग्रामीण क्षेत्र के लिए आने वाले धन को गोशालाओं व चिकित्सालयों को देना चाहिए। यह बात बृहस्पतिवार को संत गोपालदास ने दादरी तोए के गोशाला महातीर्थ में पत्रकार वार्ता के दौरान कही।
उन्होंने कहा कि कुछ समय पहले मैनें बाबा राम देव से पूछा था कि वे बिना गाय के उसका घी बेच सकते, गोमूत्र के उत्पाद बेच सकते हैं तो उनकी सीएसआर सोसायटी से गायों की रक्षा भी कर सकते हैं। केवल ब्रांडिंग की जा रही है। गोवंश की रक्षा के लिए कुछ नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार व जनता की उपेक्षा के चलते हरियाणा का प्रथम गो चिकित्सालय गोकुलधाम गोसेवा महातीर्थ बंद होने के कगार पर पहुंच गया है। अगर गोवंश को बचाना है और उसका इलाज मुहैया करवाना है तो जनता व सरकार का सहयोग अब जरूरी हो गया है। क्योंकि जिस गोभक्त ने अपने कंधों पर इस गो चिकित्सालय का खड़ा किया था उसके कंधे भी अब जवाब देने लगे हैं।
सुनील पिछले तीन वर्षो से अपने तन-मन-धन से इस गो चिकित्सालय के जरिये गाय माता की रक्षा में अकेला जुटा हुआ है। अब सुनील निमाणा के कंधे पर भी जवाब देने लगे हैं, क्योंकि इस गो चिकित्सालय में गाय व अन्य जीव-जंतुओं के ईलाज, उनकी देखरेख, चिकित्सकों व कर्मचारियों पर प्रतिदिन लगभग डेढ़ लाख रुपये का खर्च आता है और गो चिकित्सालय पर अब तक लगभग 4 करोड़ का कर्ज है। इस गो चिकित्सालय में 23 हजार से अधिक गोवंश व अन्य जीवों का उपचार मुहैया करवाया जा चुका है जो अपने आप में एक रिकार्ड है। गो चिकित्सालय में 170 कर्मचारी व चिकित्सक, 12 एंबुलेंस, एक्स-रे मशीन, अल्ट्रासाउंड मशीन, आप्रेशन थियेटर व दवाईयों की सुविधा उपलब्ध है।
गोभक्ति में पिछले 6 माह से अन्न का त्याग किए गोकुलधाम गोसेवा महातीर्थ के संचालक सुनील निमाणा ने अब किसी भी प्रकार का भोजन ग्रहण न करने का भी संकल्प लिया है। उनका यह अनशन स्वयं गोमाता की सुरक्षा के लिए लंबे अनशन कर चुके संत गोपालदास के सानिध्य में जारी रहेगा। गौरतलब है कि लाचार एवं पीड़ित गोवंश को बेहतरीन ईलाज मुहैया करवाकर उनके जीवन की रक्षा करने के लिए स्थापित गोकुलधाम गो सेवा महातीर्थ हरियाणा का प्रथम गोचिकित्सालय है। इस महातीर्थ की स्थापना स्वयं इस युवक सुनील निमाणा ने गोभक्तों के सहयोग से की थी। संस्थान ने गोसेवा के क्षेत्र में नये आयाम तो स्थापित किए परंतु गोवंश के ईलाज के लिए मनुष्य जैसी सुविधाओं पर बड़ा खर्च होने के कारण आर्थिक संकट में फंस गया। यही नहीं किराये की जमीन पर जारी इस संस्थान की जमीन अपनी न होना भी बड़ा गंभीर विषय है। संस्थान का संचालन अपनी जमीन पर हो, इसके लिए संचालक सुनील निमाणा ने पिछले 6 माह पूर्व ही अन्न त्याग कर नंगे पैर रहने का संकल्प लिया था। निमाणा के इस त्याग के बावजूद भी लोगों ने इस पीड़ा को नहीं समझा। पत्रकारों से रूबरू होते हुए निमाणा ने लिखकर बताया कि जिस प्रकार किसी घर में माता-पिता के बीमार होने पर दवा के पैसे न हो तो संतान को बड़ी पीड़ा होती है, ऐसे ही लाचार और पीड़ित गोमाता के ईलाज के लिए भरपूर आर्थिक व्यवस्था न होने से उनके दिल भी बड़ी पीड़ा है। संत गोपाल दास ने कहा कि वह भगवान कृष्ण की इस कर्मभूमि पर किसी भी सूरत में गोमाता के साथ अन्याय होता नहीं देख सकते। जब तक सरकार व गोभक्त उनकी इस पीड़ा को नहीं समझेंगे उनका यह अनशन जारी रहेगा।