फसल बीमा योजना के विरोध में उतरा किसान संगठन
जागरण संवाददाता, झज्जर : चार दिन पहले कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश धनखड़ की ओर से किसानों के हित में क
जागरण संवाददाता, झज्जर :
चार दिन पहले कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश धनखड़ की ओर से किसानों के हित में की गई पैदल यात्रा का सोमवार को किसान संगठन विरोध करते हुए दिखे। कैबिनेट मंत्री की तर्ज पर ही विभिन्न किसान संगठनों ने दुल्हेड़ा से झच्चर तक पैदल मार्च किया। जिसमें उन्होंने प्रदेश एवं केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने किसानों के हितों के साथ कुठाराघात किया है। झच्चर पहुचने के बाद उन्होंने एडीसी नरहरि बागड़ को ज्ञापन भी सौंपा। जिसमें इन सभी पहलूओं का जिक्र किया गया है। विभिन्न किसान संगठनों ने प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना को विदेशी बीमा कंपनियों को लाभ पहुचाने के उद्देश्य से उठाया गया कदम करार दिया है। उनका कहना है कि कर्ज में डूबे हुए किसान वर्ग पर यह योजना लागू करने के लिए कोई फायदा नहीं होगा। भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष रत्नमान सैंकड़ों किसानों के दुल्हेड़ा गांव से सोमवार दोपहर किसान रोष यात्रा लेकर जिला लघुसचिवालय पहुंचे।
लगाए विभिन्न आरोप : आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि यह जुमलों की सरकार है और अभी तक कितने ही मुद्दों पर पलट चुकी है। किसानों की जीवन रेखा स्वामी रंगानाथन आयोग रिपोर्ट पर प्रदेश सरकार का वायदे से पलटना, गांवों की शामलात भूमि को स्टेट लैंड बैंक के नाम पर लूट तथा बोगस फसल बीमा योजना के विरोध में नारेबाजी करते हुए उन्होंने कृषि मंत्री की जवाबदेही भी मांगी। भूमि बचाओ संघर्ष समिति से डॉ. शमशेर ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि अच्छा होता यदि सरकार बीमा एजेंसियों के किसान के नाम पर 28 प्रतिशत राशि डीबीटी के तहत ट्रांसफर कर देती तो किसानों को ज्यादा लाभ होता। बल्कि बीमार एजेंसियों को लाभ देने की कवायद है जो किसान के हितों से दूर है। प्रदेशाध्यक्ष के अनुसार 1985 में भजन लाल सरकार व पूर्व सरकार की ओर से संशोधन की गई योजना का यूनियनों ने विरोध किया था। उन्होंने कहा कि घोषणा पत्र में स्वामी नाथन रिपोर्ट लागू करने की बात कहने के बावजूद मुकरना किसान व कृषि हितों पर कुठाराघात है। उन्होंने कहा कि अगर उनकी मागों को माना नहीं गया तो यह आंदोलन जारी रहेगा।
इस पद यात्रा में वरिष्ठ नेता रामफल कंडेला, प्रदेश महासचिव जगमोहन मलिक, सोनीपत अध्यक्ष कृष्ण चंद्र, हंसराज कामरेड, हंसराज सिवाच फतेहाबाद, महताब कादयान, सरदार नरेंद्र, राधेश्याम फरीदाबाद, बिंदु मलिक, संगठन सचिव श्याम सिंह मान, राजेंद्र जटराणा, प्रताप छिल्लर तथा अन्य लोग भी शामिल रहे।
बॉक्स : प्रदर्शन करते हुए जिला मुख्यालय पर पहुचे इन किसान संगठनों के पदाधिकारियों से जब एसडीएम सतींद्र सिवाच ज्ञापन लेने के लिए पहुचे तो उन्होंने उन्हे ज्ञापन सौंपने से मना कर दिया। उनका कहना था कि वे डीसी को ज्ञापन सौंपने आए है और उन्हे ही सौंपेंगे। बाद में एडीसी नरहरि बागड़ वहा पर पहुचे और उन्होंने ज्ञापन की कॉपी की। इस दौरान तक किसान संगठनों से जुड़े पदाधिकारी काफी गुस्से में दिखे और यहा भी उन्होंने जमकर सरकार एवं प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए अपना विरोध जताया।