सरकार की हठधर्मिता से टूटी वार्ता
जागरण संवाददाता, झज्जार : हरियाणा कर्मचारी महासंघ के प्रदेश महासचिव विरेंद्र धनखड़ ने बिजली विभाग के
जागरण संवाददाता, झज्जार : हरियाणा कर्मचारी महासंघ के प्रदेश महासचिव विरेंद्र धनखड़ ने बिजली विभाग के निजीकरण के मुद्दे पर सरकार की ओर से आयोजित की गई वार्ता के सफल नहीं होने को सरकार की हठधर्मिता का परिणाम बताया है। झज्जार में रोडवेज डिपो कर्मचारियों को संबोधित करते हुए धनखड़ ने कहा कि सच्चाई तो यह है कि सरकार ने यह वार्ता केवल औपचारिकता निभाने के लिए बुलाई थी। असल में सरकार अपने फैसले पर पूरी तरह से अडिग थी और केवल संगठन से वार्ता के नाम पर औपचारिकता को निभाया जा रहा था। धनखड़ ने बिजली विभाग के 23 सब डिवीजनों को निजी हाथों में सौंपे जाने की निंदा करते हुए कहा कि यह सभी डिवीजन लाभ में चल रहे थे। ऐसे में उन्हे निजी हाथों में सौंपा जाना सरकार की कर्मचारी विरोधी मानसिकता को यहा पर झलकाता है। उन्होंने कहा कि सरकार एस्मा जैसा काला कानून लागू कर कर्मचारियों को दबाने का प्रयास कर रही है। इसे किसी भी कीमत पर सहन नहीं किया जाएगा। उन्होंने चेताया कि यदि सरकार ने शातिपूर्ण ढग से चल रहे बिजली कर्मचारियों के आदोलन को किसी भी दमनकारी नीति से दबाने का प्रयास किया तो मजबूरन दूसरे विभागों के कर्मचारी भी बिजली कर्मचारियों के समर्थन में आकर पूरे हरियाणा में एक निर्णायक आदोलन खड़ा करने को मजबूर होंगे। जिसकी जिम्मेवारी स्वयं प्रदेश सरकार की होगी।