Move to Jagran APP

अस्पताल लैब में तीन साल से खराब पड़ी है बायोकेमेस्ट्री एनालाइजर मशीन

जागरण संवाददाता, झज्जर : शहर नागरिक अस्पताल में पिछले करीब तीन साल से लैब में बायोकेस्ट्री एनालाइ

By Edited By: Published: Mon, 30 May 2016 01:02 AM (IST)Updated: Mon, 30 May 2016 01:02 AM (IST)
अस्पताल लैब में तीन साल से खराब पड़ी है बायोकेमेस्ट्री एनालाइजर मशीन

जागरण संवाददाता, झज्जर :

loksabha election banner

शहर नागरिक अस्पताल में पिछले करीब तीन साल से लैब में बायोकेस्ट्री एनालाइजर मशीन खराब पड़ी है। जिसके चलते मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अस्पताल लैब में करीब तीन साल से बायो केमेस्ट्री एनालाइजर मशीन की अस्पताल प्रबंधक ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। एनालाइजर मशीन से शुगर से संबंधित टेस्ट, किडनी से संबंधित टेस्ट और लीवर से संबंधित टेस्ट किए जाते हैं। मशीन खराब होने के चलते लोगों को बिना टेस्ट कराए ही वापस निराश होकर लौटना पड़ता है। मरीजों सोमबीर, कमल सिंह, बिजेंद्र, आरती, धर्मवती का कहना है कि लैब में जब भी टेस्ट के लिए जाते हैं तो लैब के कर्मचारी पर्ची पर प्राइवेट अस्पताल का नाम लिखकर बाहर का रास्ता दिखा देते हैं। जो टेस्ट नागरिक अस्पताल में सिर्फ पांच रुपये की पर्ची से हो जाते हैं वहीं टेस्ट प्राइवेट मेडिकल में दो सौ रुपये से शुरू होते हैं। आज भी नागरिक अस्पताल में पुराने तौर तरीकों से मरीजों के टेस्ट किए जाते हैं, आस पास के सभी जिलों में सरकार द्वारा ऑटो एनालाइजर मशीन उपलब्ध हैं लेकिन झज्जर में तो सेमी एनालाइजर मशीन भी नहीं है जिससे लोगों के टेस्ट समय पर किए जा सकें। जिले के अस्पताल में क्लोरोमीटर मशीन से ही टेस्ट किए जाते हैं जिसके चलते मरीजों को लगातार दो दिन तक रिपोर्ट के लिए अस्पताल के चक्कर लगाने पड़ते हैं। जबकि क्लोरोमीटर मशीन से टेस्ट की रिपोर्ट ज्यादा टेस्ट होने के बाद गलत रिपोर्ट देना शुरू कर देती है। सरकार द्वारा सभी जिलों के नागरिक अस्पतालों में बायोकेमेस्ट्री मशीनों का प्रावधान किया हुआ है लेकिन झज्जर के नागरिक अस्पताल में आने वाले मरीज इस सुविधा से वंचित हैं। अस्पताल प्रबंधक भी इसकी ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। सेमी बायो एनालाइजर मशीन की कीमत लगभग दो से ढाई लाख रुपये तक की है। फिर भी अस्पताल प्रबंधक का इस समस्या की ओर कोई ध्यान नहीं है।

------

सोमवार को मशीन के बारे में लैब में पता करवा कर उसकी व्यवस्था करवाई जाएगी। अगर मशीन ठीक होने योग्य हुई उसे ठीक करवाया जाएगा। अगर ठीक नहीं हुई तो विभाग को नई मशीन के लिए लिखा जाएगा।

-डॉ. एन के गर्ग, एसएमओ, झज्जर।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.