गावों के अधिकाश जोहड़ सूखे, 15 को आएगा नहरों में पानी
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : शहर में जहा पेयजल की किल्लत होनी शुरू हो गई है। वहीं गावों में भी जलसंक
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : शहर में जहा पेयजल की किल्लत होनी शुरू हो गई है। वहीं गावों में भी जलसंकट खड़ा होना शुरू हो गया है। तापमान अधिक होते ही गावों के जोहड़ सूखने लगे है। कुछ एक गावों को छोड़कर खंड के अधिकाश जोहड़ों में पानी सूख गया है। जिनमें बचा है उनमें पानी इतना खराब हो गया है कि वह पशुओं के पीने लायक नहीं है। जोहड़ों में पानी की स्थिति खंड के अधिकारियों को भी पता है लेकिन वे चाहकर भी कुछ नहीं कर पा रहे है। क्षेत्र की नहरों में पानी न होने के कारण खंड के अधिकारी चाहकर भी जोहड़ों में पानी नहीं दे पा रहे है। नहरों में पानी 15 मई तक आने की उम्मीद है। ऐसे में 15 के बाद ही जोहड़ों में पानी भरा जा सकता है।
दरअसल, कई दिनों से भयंकर गर्मी पड़ रही है। तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से भी ज्यादा हो गया है। भयंकर गर्मी के कारण पानी की माग भी बढ़ गई है। तेज धूप के कारण बावड़ी व कुओं में पानी सूख रहा है तो गावों के पेयजल के तालाबों में भी पानी कम हो रहा है। शहर में पेयजल की सप्लाई कम हो गई है। यहा पर जरूरत 23 क्यूसिक पानी की है और मिल सिर्फ 15 क्यूसिक रहा है। ऐसे में पेयजल के हा-हाकार मच सकता है। जैसे-तैसे करके शहर में पानी की सप्लाई निरतर जारी है। मगर गावों में पेयजल की किल्लत के साथ-साथ पशुओं के पीने के लिए पानी का भी संकट खड़ा होने लगा है। कई गावों में जोहड़ सूख गए है या फिर सूखने के कगार पर है। जिन जोहड़ों में पानी बचा है, उनमें पानी पीने लायक नहीं रहा है। ऐसे में लोग अपने-अपने पशुओं को घर पर ही पानी पिलाने को मजबूर है।
विधायक के गाव लोवा खुद व पड़ोसी नूना माजरा में भी जोहड़ सूखा:
विधायक नरेश कौशिक के गाव लोवा खुर्द में दो जोहड़ है। इनमें से मंदिर के साथ लगता जोहड़ सूख गया है। इस जोहड़ में तो नहरी पानी भरने के लिए कोई रास्ता नहीं है। ऐसे में यहा पर मोटर पंप लगाकर ही पानी भरा जा सकता है। इसके अलावा पड़ोसी गाव नूना माजरा के भी एक जोहड़ में पानी सूख गया है। खंड में 63 गाव है। अधिकाश गावों में दो से लेकर 3 जोहड़ है। यहा के गावों के कई जोहड़ सूख गए है या फिर पीने लायक पानी नहीं बचा है।
गावों में दूरा-दराज खेतों से ला रहे पानी:
क्षेत्र के कुछ गावों में तो पेयजल की सप्लाई घर-घर होती है तथा कुछ गावों में लोग पेयजल की सप्लाई कम होने के कारण दूर-दराज खेतों से पानी लाने को मजबूर है। महिलाएं सिरों पर पानी ढोने को मजबूर है तो पुरुष बाइक व साइकिल पर पानी ढोकर पेयजल की समस्या दूर कर रहे है।
नहरों में पानी आते ही करेगे जोहड़ों में पानी की व्यवस्था:एसडीएम
इस बारे में एसडीएम बहादुरगढ़ प्रदीप कौशिक का कहना है कि उन्होंने सिंचाई विभाग के कार्यकारी अभियंता से बातचीत की है। उन्होंने 15 मई को नहरों में पानी आने की बात कही है। नहरों में पानी आते ही सरपंचों को निर्देश देकर वे जोहड़ों में पानी भरवा देंगे। किसी तरह की कोई परेशानी नहीं आने दी जाएगी। फिलहाल जो पानी है उससे ही काम चलाया जा रहा है।