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मिस्र से बदलूराम की समाधि की मिट्टी लाई जाएगी ढाकला

-विक्टोरिया क्रॉस विजेता की समाधि पर नमन करने पहुंचे धनखड़ -1918 में प्रथम विश्व युद्ध में दिखाया थ

By Edited By: Published: Sun, 01 May 2016 01:00 AM (IST)Updated: Sun, 01 May 2016 01:00 AM (IST)

-विक्टोरिया क्रॉस विजेता की समाधि पर नमन करने पहुंचे धनखड़

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-1918 में प्रथम विश्व युद्ध में दिखाया था बदलूराम ने जौहर

- मिस्र के लोग लेते हैं बदलूराम के साहस से प्रेरणा

जागरण संवाददाता, झज्जर : पहले विश्व युद्ध में अदम्य साहस का परिचय देने वाले योद्धा विक्टोरिया क्रॉस विजेता रिसलदार बदलूराम की समाधि पर शनिवार को प्रदेश के कृषि मंत्री ओपी धनखड़, मिस्र में भारत के राजदूत संजय भट्टाचार्य सहित पूरे प्रतिनिधिमंडल ने नमन कर उन्हे श्रद्धांजलि अर्पित की। धनखड़ ने इस पल को जीवन का दुर्लभ और ऐतिहासिक क्षण बताया। धनखड़ ने उन्हें नमन करते हुए कहा वे यहा से मिट्टी लेकर भारत जाएंगे। इस मिट्टी को वे गाव ढाकला में लेकर जाएंगे जहा के रिसलदार बदलूराम रहने वाले थे। शनिवार को मिस्र में भारतीय राजदूत संजय भट्टाचार्य के साथ इस भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने मिस्र में समाधि स्थल पर पहुंचकर भावभीनी श्रद्धाजलि दी। समाधि स्थल पर विधायक रविंद्र मच्छरौली,अलावा एसीएस रामनिवास सहित अन्य ने भी वीर की समाधि पर पुष्प अर्पित किए तथा उन्हें नमन किया। इस अवसर पर धनखड़ ने कहा कि वीर की शहादत के 98 वर्ष बाद नमन करना मेरे लिए गौरव के क्षण है।

बदलूराम ने दिया था अदम्य साहस का परिचय

बताया कि पहले विश्वयुद्ध में भारतीय सेना में रहते हुए में रिसदलदार बदलूराम ने शहादत देने से पूर्व अदम्य साहस का परिचय दिया था। मिस्त्र में रिसलदार बदलू राम को हैलियोपालिस वार, सिमिटरी, काहिरा मिस्र में श्रद्धाजलि देने में जो गौरव महसूस हुआ है उसका वर्णन शब्दों में नहीं किया जा सकता।

ढाकला में लाएंगे मिट्टी

धनखड़ ने कहा कि वीर की याद में सिमिटरी की माटी रिसलदार बदलूराम के पैतृक गाव ढाकला लेकर आएंगे। वे यहा तीन मई को प्रात: 10 बजे ढाकला पहुंचेंगे।

भारत के राजदूत संजय भट्टाचार्य ने कहा हमें मिलती है प्रेरणा

हरियाणा का प्रतिनिधिमंडल जब शनिवार को रिसलदार बदलूराम की समाधि पर नमन करने पहुंचे तो उनके साथ मिस्र में भारत के राजदूत संजय भट्टाचार्य भी थे। उन्होंने कहा कि हरियाणा के कृषि एवं सिंचाई मंत्री यहा की मिट्टी लेकर जा रहे हैं।

विधायकों ने भी किया नमन

मिस्र दौरे पर धनखड़ के साथ गये विधायक रविंद्र मच्छरौली व ओमप्रकाश ने भी शहीद की समाधि पर पुष्प अर्पित किए तथा उन्हें नमन किया। दोनों ने कहा कि यहा समाधि को देखकर गौरवान्वित हुए। यहा भारतीय शहीद की समाधि देखी तो गौरव हुआ।

युवाओं को मिलेगी प्रेरणा : रामनिवास

हरियाणा सरकार के अधिकारी और पंचायत विभाग में एसीएस रामनिवास ने कहा कि पराक्रमी हरियाणा के वीर बदलूराम की समाधि पर पहुंचे हैं। पहले विश्व युद्ध में अकेले मशीनगन को थामे रखकर पूरी स्कावर्डन को बचाया। सीने पर गोलिया खाई। जिसके लिए उन्हें विक्टोरिया क्रॉस मिला। उनकी समाधि की मिट्टी गाव में ले जा रहे हैं यह युवाओं के लिए बड़ी प्रेरणा होगी। उन्हें देश के लिए समर्पित होने का जज्बा सिखाएगी।

वीर योद्धा रिसलदार बदलूराम का इतिहास

झज्जर के ढाकला में बदलूराम का जन्म 13 जनवरी 1876 को हुआ। पहले विश्व युद्ध दौरान उस समय की भारतीय सेना में थे। तब ये ब्रिटिश इंडियन आर्मी कहलाती थी। रिसलदार रैंक के इस वीर ने 23 सितंबर 1918 को मात्र 41 साल की आयु में जार्डन नदी के किनारे फिलीस्तन में शहादत पाई थी। मगर इससे पूर्व अकेले ही इन्होंने एक मशीनगन को थामे रहे थे और सीने पर गोलियां खाते रहे थे।

बहादुरी के लिए मिला विक्टोरिया क्रॉस

बदलूराम की वीरता के कारण पूरा स्क्वार्डन बच सकी थी। जिसके बाद उन्हें मरणोपरात विक्टोरिया क्रॉस मिला था। यह विक्टोरिया क्रॉस पहले विश्वयुद्ध में मिला था। जबकि दूसरे विश्वयुद्ध में पलड़ा गाव के कैप्टन उमराव सिंह को भी विक्टोरिया क्रॉस मिला था। झज्जर जिले के लिए यह गौरव की बात रही है।


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