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काम आता नहीं, ढिंढोरा इमानदारी का

जागरण संवाददाता, झज्जर : बिजली की दरों में लगातार हो रही बढ़ोतरी के चलते बीते दिन इंडियन नेशनल लोकदल

By Edited By: Published: Wed, 07 Oct 2015 01:00 AM (IST)Updated: Wed, 07 Oct 2015 01:00 AM (IST)

जागरण संवाददाता, झज्जर : बिजली की दरों में लगातार हो रही बढ़ोतरी के चलते बीते दिन इंडियन नेशनल लोकदल ने जिला मुख्यालय पर जोरदार प्रदर्शन किया तो चंडीगढ़ में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा शक्ति भवन के समक्ष प्रदर्शन करने जा रहे हैं। एक तरफ लोग बिजली के बढ़े हुए बिल आने से परेशान होने लगे हैं तो दूसरी तरफ सीएम दफ्तर के हवाले से बयान जारी होता है कि बिजली की दरें बढ़ाने में नियामक आयोग का हाथ है। दैनिक जागरण ने राजनीतिक पार्टियों से बात की तो कुछ ने खुलकर इसकी निंदा की तो भाजपा ने इसका पूरा बचाव किया।

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इंडियन नेशनल लोकदल के जिला प्रधान कर्मवीर राठी का कहना है कि भाजपा सरकार पूरी तरह से फेल साबित हुई है। मौजूदा सरकार के समय में बिजली की दरों में पचास से साठ फीसद तक की बढ़ोतरी हुई है। बिजली वितरण कंपनियों द्वारा बिजली फ्यूल चार्ज की दरों में वृद्धि का कोई औचित्य नहीं है। बिजली चोरी को न रोक पाने के कारण उपभोक्ता को बिजली की दरें ज्यादा देनी पड़ती हैं। जबकि सरकार का दायित्व है कि चोरी को रोके और न रोक सके तो घाटे की भरपाई सरकार खुद करे। फ्यूल सरचार्ज तब बढ़ाया जाता है जब ईधन की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। जबकि पिछले एक साल में गैस व तेल की कीमतों में कमी हुई है। उनका कहना है कि इस मसले को लेकर इनेलो गांव गांव में जाएगी।

कांग्रेस नेता व मार्केट कमेटी के पूर्व चेयरमैन रमेश वाल्मीकि का कहना है कि सरकार को काम करना नहीं आ रहा है। लोगों को ध्यान बांटने के लिए कभी तो पंचायत चुनावों में शिक्षा तो कभी राहगीरी जैसी चीजों का सहारा लिया जाता है। किसी मंत्री को ये भी नहीं पता कि बिजली के दाम कैसे बढ़ गए।

भाजपा के जिलाध्यक्ष दिनेश शास्त्री का कहना है कि बिजली बिलों में बढ़ोतरी की समस्या पुरानी सरकारों की देन है। सीएम मनोहर लाल खंट्टर इमानदारी से काम कर रहे हैं और धीमे धीमे काम की रफ्तार बढ़ा रहे हैं। लोगों को 24 घंटे बिजली देने के लिए तेजी से काम किया जा रहा है।

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लोग बोले, जेब काट डाली

नरेंद्र का कहना है कि सरकार ने लोगों की जेब काट दी है। घरेलू स्तर पर प्रतिमाह बिजली की 8 सौ यूनिट की उच्चतम खपत की सीमा को घटाकर 5 सौ यूनिट कर दिया है। बिजली की 5 सौ यूनिट से अधिक की खपत पर 6.75 प्रति यूनिट बिजली की दर तथा 1 रुपये 69 पैसे फ्यूल सरचार्ज की दरें निर्धारित की हैं। उनका कहना है कि बिजली शुल्क तथा नगर पालिक शुल्क 15 पैसे प्रति यूनिट व मीटर चार्ज को मिलाकर प्रति यूनिट तकरीबन 8 रुपये 65 पैसे हर उपभोक्ता को अदा करने होंगे। मनोज का कहना है कि सरकार बिजली चोरी को रोकने में अक्षम है और अपने प्रबंध को दुरूस्त करने की बजाए उसने आम जनता पर फ्यूल सरचार्ज का बोझ डाल दिया है। शक्तिराज का कहना है कि प्रदेश से व्यावसायिक व उद्योग यहां से काम बंद करके दूसरे प्रदेशों में जा रहे हैं। इन हालात में हरियाणा उद्यमियों के लिए निवेश की पसंदीदा जगह नहीं माना जा सकता है। जिससे प्रदेश में बेरोजगारी निरंतर बढ़ रही है और इसका सबसे बड़ा कारण है बिजली की दरें। विजय का कहना है कि बिजली बिलों को लेकर सरकार के किसी मंत्री का अभी तक स्पष्टीकरण नहीं आया है। सीएम दफ्तर से एक सलाहकार का वक्तव्य आया है जिसमें उसने कहा है कि नियामक आयोग पर सरकार का नियंत्रण नहीं है। उनका कहना है कि अगर एक आयोग पर सरकार का नियंत्रण नहीं रहा तो फिर काहे की सरकार। उनका कहना है कि मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों को सूझ ही नहीं रहा कि कौन से काम करें और कौन से नहीं। जनता की जेब पर डाका डालने का काम हो रहा है।


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