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नए तरीके अपनाने से किसान होंगे मालामाल

जागरण संवाददाता, झज्जर : कृषि विज्ञान केंद्र, झज्जर में आयोजित चार दिवसीय खुंबी उत्पादन व्यावसायिक प

By Edited By: Published: Fri, 28 Aug 2015 02:33 AM (IST)Updated: Fri, 28 Aug 2015 02:33 AM (IST)

जागरण संवाददाता, झज्जर : कृषि विज्ञान केंद्र, झज्जर में आयोजित चार दिवसीय खुंबी उत्पादन व्यावसायिक प्रशिक्षण शिविर बृहस्पतिवार को संपन्न हो गया। स्वरोजगार को बढ़ावा देने के व किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारने के मकसद से आयोजित इस प्रशिक्षण का आयोजन डा. बीपी राणा, पौध संरक्षण विशेषज्ञ की अध्यक्षता किया गया।

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किसानों को संबोधित करते डॉ. राणा ने कहा कि आज हमारी कृषि जोत काफी कम हो गई है और खुम्ब जैसे नए तरीके के व्यवसाय अपनाने से आर्थिक स्थिति तो सुधरेगी ही, पैदा अनुमान से अधिक हो जाए तो किसान मालामाल भी हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि खुम्ब काफी कम जगह जैसे खाली प्लाट आदि में कम लागत से छप्पर तैयार करके भी कर सकते हैं। अगर किसान 100 क्िवटल तूड़े से कंपोस्ट तैयार करते हैं तो 100 से 125 किलो बीज (स्पान) लगेगा। डॉ. राणा ने बताया कि साधारणतया 20-25 क्विंटल खुम्बी की पैदा होगी। बीज के फैलाव के लिए 20-25 डिग्री सै. तथा खुम्बी निकलने के लिए 14-18 डिग्री सेलिसयस तापमान बनाए रखें। उन्होंने बताया शिविर के दौरान प्रतिभागियों को हैक, मुरथल खुम्बी फार्म का दौरा करवाया गया तथा व्यवसाय की बारीकियों से अवगत कराया गया। डॉ. बीपी राणा ने बताया कि खुम्बी मक्खी के प्रबंधन के लिए खुम्ब कक्ष में बल्ब के पास पीला चार्ट चिपकाकर उन पर कीट-नाशक दवा छिड़कने की सलाह दी। गृह विभाग, वरिष्ठ जिला विस्तार विशेषज्ञ, डा. शशि विशिष्ठ ने खुम्ब से बनने वाले पौष्टिक व्यंजनों पर प्रकाश डाला। फार्म प्रबंधन, डॉ. उमेश कुमार शर्मा वरिष्ठ जिला विस्तार विशेषज्ञ ने फार्म प्रबंधन संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियां किसानों के साथ सांझा की। शिविर के दौरान सस्य विभाग के वरिष्ठ जिला विस्तार विशेषज्ञ वैज्ञानिक डा. रमेश विशिष्ठ, बागवानी विशेषज्ञ डा. वीपी सिंह आदि ने भी अपने-2 विषय से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां प्रतिभागी किसानों के साथ सांझा की। कार्यक्रम के समापन मौके पर वरिष्ठ संयोजक डा. सुरेंद्र दहिया ने बढ़ती बेरोजगारी को देखते हुए कौशलवर्धन के लिए ऐसे व्यावसायिक प्रशिक्षणों का भरपूर लाभ लेने के प्रति किसानों को प्रेरित किया तथा प्रतिभागियों प्रमाण पत्र वितरित करते हुए इसे स्वरोजगार के रूप में अपनाने की सलाह दी।


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