अल्ट्रासाउंड को लेकर मरीजों में हुई तकरार
जागरण संवाददाता, झज्जर : इन दिनों अपनी मांगों को लेकर निजी अस्पतालों की चिकित्सक एसोसिएशन ने गर्भ
जागरण संवाददाता, झज्जर :
इन दिनों अपनी मांगों को लेकर निजी अस्पतालों की चिकित्सक एसोसिएशन ने गर्भवती महिलाओं के अल्ट्रासाउंड बंद किए हुए हैं। जिसके चलते सामान्य अस्पताल के अल्ट्रासाउंड केंद्र पर मरीजों का दबाव निरंतर बढ़ता जा रहा है। हर रोज करीब 70 से 80 मरीजों के अल्ट्रासाउंड सामान्य अस्पताल में किए जा रहे हैं। इसी दौरान बृहस्पतिवार को सामान्य अस्पताल के अल्ट्रासाउंड केंद्र पर मरीजों के बीच आपस में उस समय तनातनी हो गई जब अस्पताल में कार्यरत स्टाफ के लोग अपने मरीजों के अल्ट्रासाउंड करवाने के लिए अपने मरीज का नंबर पहले लगवाने की बात कह रहे थे। लेकिन कुछ देर बाद मामला शांत हो गया। जबकि अस्पताल के कर्मचारियों के साथ आए मरीजों के अल्ट्रासाउंड करने की बात वहां पहुंचे मरीजों के अल्ट्रासाउंड करवाने की बात कही गई और जो मरीज लाइन में खड़े थे उन मरीजों के अल्ट्रासाउंड करने शुरू कर दिए गए।
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दवाई के लिए भी लगी लंबी लाइन :
सामान्य अस्पताल में दवाईयों की खिड़की के पास भी मरीजों के लिए दवाई लेने वाले लोगों की लंबी लाइन लगी रहती है। चिकित्सक जो दवाई मरीजों के कार्डो पर लिख रहे हैं। वे दवाईयां भी मरीजों को सामान्य अस्पताल में नहीं मिल रही हैं। मरीजों को महंगी दवाईयां खरीदने पर मजबूर होना पड़ रहा है। जबकि सरकारी अस्पतालों में मरीजों के कार्डो पर बाहर की दवाईयां लिखने पर प्रतिबंध लगाया हुआ है। उसके बावजूद भी मरीजों के कार्डो पर बाहर की दवाई लिखी जा रही हैं।
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कई दिन से गर्भवती महिलाओं के नहीं कर रहे अल्ट्रासाउंड
निजी अस्पताल एसोसिएशन के पदाधिकारी डा. राकेश गर्ग का कहना है कि निजी अस्पतालों के अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर गर्भवती महिलाओं केअल्ट्रासाउंड की रिपोर्ट सिविल सर्जन कार्यालय में जमा करवाने आदि कुछ नियमों को लेकर निजी अस्पतालों में केवल गर्भवती महिलाओं के अल्ट्रासाउंड नहीं किए जा रहे हैं।
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निजी अस्पतालों में जब भी अल्ट्रासाउंड बंद किए जाते हैं। तो सामान्य अस्पताल के केंद्र पर मरीजों की भीड़ बढ़ना स्वाभाविक है। मरीजों के नंबर के हिसाब से अल्ट्रासाउंड किए जा रहे हैं।
-डॉ. रमेश धनखड़, सीएमओ, झज्जर।