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दाखिला न देने का लगाया आरोप

जागरण संवाददाता, झज्जर : पूर्व में अपनी कार्यप्रणाली को लेकर स्कूल स्टॉफ के सदस्यों व छात्रों के साथ

By Edited By: Published: Thu, 23 Jul 2015 01:41 AM (IST)Updated: Thu, 23 Jul 2015 01:41 AM (IST)
दाखिला न देने का लगाया आरोप

जागरण संवाददाता, झज्जर : पूर्व में अपनी कार्यप्रणाली को लेकर स्कूल स्टॉफ के सदस्यों व छात्रों के साथ ग्रामीणों की आखों किरकिरी बने गाव बिरधाना के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के मिडिल हैड ने एक बार फिर दबंगई का परिचय दिया है। इसी स्कूल से पाचवीं कक्षा पास कर चुके एक दलित छात्र को पढ़ाई में कमजोर बताते हुए छठी कक्षा में प्रवेश देने से इकार करने के साथ मिडिल हैड ने छात्र के परिजनों को होटल आदि में बर्तन साफ करने जैसे कार्य करवाने की नसीहत भी दे डाली। यह अलग बात है कि 14 साल से कम उम्र के बच्चों को काम पर लगाना बाल श्रम के तहत अपराध माना जाता है। छात्र के दाखिले को लेकर जिला उपायुक्त तक गुहार लगा चुके परिजनों की शिकायत पर अधिकारियों तक ने दाखिला देने का भरोसा दिलाया, लेकिन परिजनों की माने तो मिडिल हैड ने स्पष्ट धमकी दी है कि वे कुछ भी कर लें, लेकिन छात्र का दाखिला वे इस स्कूल में नहीं होने देंगे।

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गाव बिरधाना निवासी राजेश ने मंगलवार को जिला उपायुक्त को दी शिकायत में बताया कि उसके पुत्र दीपाशु ने इसी वर्ष गाव के स्कूल से ही पाचवीं कक्षा पास की है। अप्रैल माह के शुरू में जब वह अपने लड़के को छठी क्लास में दाखिला दिलाने के लिए गया तो स्कूल के मिडिल हैड ने उसे जातिसूचक शब्द कहकर अपमानित करते हुए कहा कि उसका लड़का पढ़ाई में कमजोर है और उसे छठी कक्षा में दाखिल नहीं किया जा सकता। इतना ही नहीं शिकायत के अनुसार स्कूल हैड ने यह भी कहा कि छात्र की पढ़ाई-लिखाई का कोई फायदा नहीं है और इसे मजदूरी या फिर कहीं होटल आदि में बर्तन साफ करने जैसे कार्यो में लगा दो। राजेश ने जब इन बातों का विरोध करते हुए ऊपर शिकायत करने की बात कही तो मिडिल हैड ने कहीं तक चले जाने की धमकी देते हुए दाखिला देने से स्पष्ट मना कर दिया। हैरानी की बात तो यह है कि स्कूल के प्राचार्य ने भी बाकायदा लिखित रूप से छात्र को दाखिल करने की हिदायत दी, लेकिन स्कूल प्राचार्य की हिदायतों के साथ-साथ जिला शिक्षा अधिकारी के आदेशों को भी हवा में उड़ा दिया। जिला उपायुक्त ने मंगलवार को एक बार फिर जिला शिक्षा अधिकारी को पूरे मामले पर संज्ञान लेते हुए छात्र का दाखिला सुनिश्चित करने के आदेश दिए हैं।

ग्रामीणों ने की तबादले की माग

पीड़ित छात्र के पिता के साथ जिला उपायुक्त से मिलने पहुंचे ग्रामीणों ने मिडिल हैड पर अनेक आरोप लगाते हुए उसके तबादले की भी माग की है। ग्रामीणों के अनुसार मिडिल हैड न सिर्फ स्कूल स्टॉफ के अन्य सदस्यों के साथ आए दिन नोंक-झोंक करता रहता है। इससे स्कूल का माहौल खराब हो रहा है, बल्कि गाव के खिलाडि़यों के लिए बने खेल मैदान में खिलाड़ियों को जाने से भी रोकता है। इतना ही नहीं मिडिल हैड ने दौड़ करने वाले खिलाड़ियों के लिए बने ट्रेक व वालीबाल के लिए बने मैदान में पौधे लगाने के नाम पर गड्ढे खुदवा दिए है, जिससे खिलाड़ियों के सामने अभ्यास करने की समस्या आ खड़ी हुई है। ग्रामीणों के अनुसार मिडिल हैड बीते लंबे समय से परेशानी का सबब बना हुआ है, लेकिन बार-बार शिकायत करने के बावजूद उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।


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