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न्यायालय परिसर में दोबारा दिखेगी रौनक

जागरण संवाददाता, झज्जर : एक जून से शुरू हुआ अदालतों का ग्रीष्मकालीन अवकाश 16 जून से वीरानी में लौट च

By Edited By: Published: Tue, 30 Jun 2015 07:26 PM (IST)Updated: Tue, 30 Jun 2015 07:26 PM (IST)
न्यायालय परिसर में दोबारा दिखेगी रौनक

जागरण संवाददाता, झज्जर : एक जून से शुरू हुआ अदालतों का ग्रीष्मकालीन अवकाश 16 जून से वीरानी में लौट चुका था। अवकाश खत्म होने का इंतजार करने वाले दुकानदार भी ग्राहकों की स्वागत की तैयारियों में जुट गए है। भीड़ भाड़ वाला क्षेत्र माने जाने वाले जिला अदालत परिसर में एक जून को ग्रीष्मकालीन अवकाश की दस्तक लोगों का आवागमन फीका सा पड़ जाता है। क्योंकि इसी दिन से दीवानी मुकदमों की सुनवाई एवं आगामी कार्रवाई बंद हो जाती है और अमूमन रहने वाली लोगों चहल पहल धीमी पड़ जाती है। ग्रीष्मकालीन अवकाश शुरू होते ही घटी लोगों की चहल पहल 16 से जिला अदालत परिसर को वीरानी में तबदील कर देती है। क्योंकि अपराधिक मामलों की सुनवाई करनी वाली अदालतें भी छुट्टी पर चली जाती है। नए मुकदमे दायर करने के लिए लोगों को ग्रीष्मकालीन अवकाश खत्म होने का इंतजार रहता है। हालांकि ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान भी एक जिला एवं सत्र न्यायालय की अदालत व एक अधीनस्थ यानी निचले सत्र की अदालत जरूर मामलों का निपटारा करती हैं। एक जुलाई को ग्रीष्मकालीन अवकाश खत्म होते ही लोगों की चहल-पहल अपने यौवन पर होगी।

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खत्म हुआ मौज मस्ती का दौर

अधिवक्ताओं की मौज मस्ती, सैर सपाटे व अन्य कई-कई दिनों के कार्यक्रमों के निपटारे का दौर एक जुलाई को खत्म हो चुका है। बच्चों व अदालत की छुट्टियों को मौज मस्ती व सैर सपाटे लिए अच्छा समय माना जाता है। काम की व्यस्तता व विद्यार्थियों की छुट्टी ने होने के कारण लंबे कार्यक्रमों को लेकर अधिवक्ताओं के मन में घूमने फिरने का जो मलाल रह जाता है, उसे पूरे करने का सबसे बेहतर समय ग्रीष्मकालीन अवकाश ही होता है। जो अब खत्म हो चुका है, अब दिनचर्या सामान्य हो जाएगी।

दुकानदारों पर किराया पड़ता है भारी

जिला अदालत परिसर में दुकान चलाकर या अन्य किसी कार्य के सहारे अपने परिवार का गुजर बसर करने के लिए ग्राहकों का एक जुलाई को खत्म हो जाएगा। दुकानदारों का कहना है कि साल के 12 महीनों में ग्रीष्मकालीन अवकाश उन पर भारी पड़ता है। क्योंकि इस दौरान दुकानें तो जरूर खोलनी पड़ती हैं, क्योंकि किराया पूरे साल का देना होता है। अवकाश के चलते ग्राहकी कम हो जाती है, उन पर आमदनी अठनी, खर्चा रुपया वाली कहावत सटीक बैठती है। आमदनी होने की नियत से ही दुकान खोली जाती है, लेकिन किराया ही मुश्किल से पूरा हो पाता है।

यौवन पर होगी चहल पहल

ग्रीष्मकालीन अवकाश के साथ वीरानी में तबदील हुआ जिला न्यायालय परिसर एक जुलाई को अपने यौवन पर होगा। नए मुकदमें दायर करने वाले अवकाश खत्म होने के इंतजार में बैठे हुए थे, वे लोग अदालतों का रूख करेंगे तथा दिन भर अधिवक्ताओं से सलाह मशवरे का भी दौर रहेगा। वहीं दूसरी ओर विभिन्न अदालतों में चल रहे अपने-अपने मामलों की सुनाई व पैरवी के लिए भी लोग पहुंचेंगे।


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