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प्रशासन ने उठाए हाथ, ओमेक्स निवासियों को कोर्ट जाने की नसीहत

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : ओमेक्स अपार्टमेंट में सुविधाओं की कमी और तरह-तरह के शुल्क थोपने के मसले

By Edited By: Published: Tue, 26 May 2015 08:28 PM (IST)Updated: Tue, 26 May 2015 08:28 PM (IST)
प्रशासन ने उठाए हाथ, ओमेक्स निवासियों को कोर्ट जाने की नसीहत

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : ओमेक्स अपार्टमेंट में सुविधाओं की कमी और तरह-तरह के शुल्क थोपने के मसले पर मंगलवार को एसडीएम व डीटीपी की मध्यस्थता में कंपनी अधिकारियों और रेजिडेट्स की मीटिग हुई, पर कोई समाधान नहीं निकल पाया। वहीं प्रशासनिक अधिकारियों ने भी हाथ खड़े कर लिए हैं। अधिकारियों ने यहा के निवासियों को कोर्ट में जाने की नसीहत दी है। इससे लोगों में प्रशासन और ओमेक्स के खिलाफ रोष बना हुआ है।

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ओमेक्स रेजिडेट से पंकज राठी, मुकेश पूनिया, रमेश रोहिल्ला, विजय पारवानी व जय प्रकाश गुप्ता ने बताया कि उपायुक्त महोदय के आदेशों के बाद भूख हड़ताल से उठने पर उन्हे ओमेक्स से कोई राहत नहीं बल्कि और ज्यादा नुकसान उठाना पड़ रहा है। जिन मागों को लेकर वे ओमेक्स के खिलाफ बैठे थे वो मागे तो मानी नहीं गई बल्कि उन पर दो गुणे से भी ज्यादा मेंटिनेंस चार्ज बढ़ा दिया गया है। उन्हे पहले से भी ज्यादा खर्चे थमा दिए गए है। अब पहले ज्यादा दुविधा में फंसा कर प्रशासन हाथ खड़े करते हुए पीछे हट रहा है। मंगलवार को एसडीएम अमरदीप जैन व डीटीपी की मध्यस्थता में ओमेक्स अधिकारियों व रेजिडेटस के बीच हुई मीटिंग में कोई समाधान नही निकला। जिससे लोगों में प्रशासन व ओमेक्स के खिलाफ काफी रोष व्याप्त है।

ये थी रेजिडेटस की मागे

रेजिडेट ने मूलभूत सुविधाओं को दुरुस्त करने के साथ कुछ मागे ओमेक्स के समक्ष रखी थी। इनमें सर्विस के हिसाब से मेंटिनेंस चार्ज लिया जाए, लगभग 70 लाख रुपये जो फिक्स चार्ज के रूप में झूठ बोल कर लिए गए है वो वापस दिए जाए। क्लब 2011 में शुरू होना चाहिए था लेकिन मई 2015 में शुरू किया गया है। जिसके अब 500 रुपये मेंटिनेंस चार्ज मागे जा रहे है। वे वापस लिए जाए।

मूलभूत सुविधाओं को भी तरस रहे रेजिडेटस

मंगलवार को ओमेक्स के अधिकारी अनिल गुप्ता, अमित बंसल व अमित सकसेना ओमेक्स में पहुचे तो लोगों ने उन्हे ओमेक्स के हालातों से रूबरू कराया। लोगों ने उन्हे टूटी सड़कों, खुले सीवरों के मेनहाल, ओवर फलो करते सीवर व सीवरेज का गंदा पानी ओमेक्स में जो खुले तौर पर छोड़ा जा रहा है वह दिखाया। साथ ही लोगों ने लिफ्ट की समस्या व भवनों से गिर रही सामग्री दिखाई। समस्याओं को देखकर ओमेक्स के अधिकारियों ने माना की मूलभूत सुविधाएं उन्हे नहीं मिल पा रही।

सोमवार को लिए गया पानी का सैंपल

उपायुक्त द्वारा ओमेक्स और रेजिडेटस के बीच मीटिग करवाई गई थी। जिसके बाद उपायुक्त ने 20 मई को पानी, बिल्डिग मेटिरियल व अन्य सैंपल लेने के आदेश दिए थे। लेकिन उपायुक्त के आदेशों के बाद भी सैंपल अगले दिन नहीं लिए गए। ये सैंपल मंगलवार की मीटिग से एक दिन पहले सोमवार को लिए गए है। यहा के पंकज राठी ने बताया कि पहले ही ओमेक्स झूठे वादे करके उनसे नाजायज पैसे लूटने का काम रही थी। लेकिन अब प्रशासन के सामने उन्हे लूटा जा रहा है। पहले ओमेक्स उनसे मेंटिनेंस चार्ज 87 पैसे प्रति वर्ग फूट ले रहा था। जिसके हिसाब से वह सुविधाएं भी नहीं दे रहे थे। लेकिन अब उनसे 1.85 पैसे मेंटिनेंस चार्ज मागा जा रहा है। जो कि सरासर गलत है। उन्होंने कहा कि ओमेक्स पहले के पैसे घटाने के बजाय पैसे जान बूझकर बढ़ा रही है।


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