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बेरी में उमड़ा आस्था का सैलाब

अमित पोपली, झज्जार : पारम्परिक वेश-भूषा में सजी-धजी ग्रामीण महिलाएं, श्रद्धा एवं उल्लास के साथ कत

By Edited By: Published: Fri, 27 Mar 2015 01:04 AM (IST)Updated: Fri, 27 Mar 2015 01:04 AM (IST)

अमित पोपली, झज्जार :

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पारम्परिक वेश-भूषा में सजी-धजी ग्रामीण महिलाएं, श्रद्धा एवं उल्लास के साथ कतार में लगकर दर्शन करने को आतुर लोग। धार्मिक गीतों की स्वरलहरियों के बीच नृत्य करते भक्तजन। चहुओर से मंदिर को जोड़ने वाले मार्ग पर भक्तों की भारी भीड़। कुछ ऐसा ही नजारा बृहस्पतिवार को जिला मुख्यालय से करीब 12 किलोमीटर दूर बेरी में स्थित माता भीमेश्वरी देवी मंदिर परिसर में सप्तमी को भरे जाने वाले मेले में देखने को मिला। नवरात्र के दौरान यहा चल रहे मेले में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा। मेले को लेकर सवेरे से ही कस्बा सहित आस-पास के गांवों ही नहीं दूर दराज के क्षेत्रों से लोगों की भीड़ उमड़ने लगी थी।

माता के प्रति दिखी भक्तों में अथाह श्रद्धा

ईश्वर के प्रति अथाह श्रद्धा ही है जो कुछ भक्त अपना शरीर गुदवा लेते हैं तो कुछ जलते अंगारों पर चलने से भी गुरेज नहीं करते। श्रद्धा का ऐसा ही एक ओर अनूठा उदाहरण बेरी के मंदिर में देखने को मिल रहा है जहा माता रानी के भक्त नंगे पैर पैदल चलते हुए माता के दर्शन के लिए पहुच रहे है।

बेरी से झज्जार को जोड़ने वाला मार्ग हो या रोहतक, कलानौर व बहादुरगढ़ का मार्ग। प्रत्येक मार्ग पर पैदल चलने वाले भक्तों का जत्था नाचते कूदते हुए मंदिर की ओर आता हुआ दिखाई देता है। भक्तों की भीड़ में काफी भक्त ऐसे भी है। जो 35 डिग्री का तापमान होने के बावजूद भी नंगे पैर चलकर मा के दरबार तक पहुच रहे है।

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पं. विरेद्र शर्मा का कहना है कि जिस प्रकार हम बड़े पैमाने में मा के इन नौ रूपों और उनकी शक्तियों को देखते हैं उसी प्रकार यदि किसी स्त्री के भीतर देखें तो पाएंगे कि मा के ये सभी अंश किसी न किसी खास गुण के रूप में उसके भीतर भी विद्यमान हैं। आज के आधुनिक युग में एक स्त्री मा, बहन, बेटी, पत्नी आदि अनेक रूपों में अपनी महत्ती भूमिका का निर्वहन कर रही है।

मा के स्वागत में हर कोई बैठा है तैयार

बेरी स्थित मा भीमेश्वरी देवी के यहा पर दो मंदिर है। एक मंदिर बाहरी क्षेत्र में है और एक भीतर आबादी वाले क्षेत्र में। चली आ रही पंरपरा के अनुसार दिन के समय में मा बाहरी क्षेत्र स्थित बने मंदिर में विराजमान रहती है। जबकि सायं से लेकर रात्रि तक मा भीतर वाले मंदिर में अपने भक्तों को आशीर्वाद देती है। पिछले कई दशकों से चले आ रहे इस सिलसिले में हर कोई मा के स्वागत को तैयार बैठा हुआ दिखता है। मा को भीतर से बाहर वाले मंदिर लाने और ले जाने के समय पर यहा खास व्यवस्था होती है और उस दौरान हर किसी को इस बात का इतजार रहता है कि वह भी मा के दर्शन प्राप्त करते हुए अपने जीवन को सफल बनाएंगा।

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पूरा बेरी कस्बा करता है नवरात्र का इतजार :

वर्ष में दो दफा यहा पर लगने वाले मेले के दौरान बेरी में जो छटा बिखरती है उसकी बात ही निराली है। कस्बा के लोग इसका बड़ी ही बेसब्री से इतजार करते है। या कुछ यूं भी कहा जा सकता है कि नवरात्र के इस मौके पर एक ओर जहा बेरी में कामकाज को लेकर मा की एक अलग ही कृपा बरसती है। कस्बा के हर गली मौहल्लों सहित मुख्य बाजार में दिन और रात यहा लोगों की भीड़ जुटती है। जिसको लेकर सजने वाले बाजार में जमकर खरीदारी होती है।

कैमरों की जद में हर गतिविधि :

सुरक्षा एवं व्यवस्था बनाए रखने के दृष्टिगत पुलिस प्रशासन की ओर से बाहरी क्षेत्र स्थित मंदिर में एक कंट्रोल रुम स्थापित किया गया है। जहा पर डीएसपी स्तर के अधिकारी मौजूद रहते हुए स्थिति पर नजर बनाए हुए है। दोनों मंदिरों के अलावा मुख्य मार्ग पर पार्किंग, बस स्टैड, बेरी चौक सहित अन्य क्षेत्रों को कैमरों की जद में लिया गया है। ताकि किसी भी प्रकार से होने वाली घटना पर तुरत नजर रखते हुए कार्रवाई अमल में लाई जा सके। इसी कड़ी में बेरी को जोड़ने वाले मुख्य मार्गाें से भीतरी मार्ग तक किसी भी वाहन को आने की इजाजत नहीं है। ताकि बनने वाली भीड़ के दौरान वाहनों के चलते कोई अव्यवस्था नहीं बनें।

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प्रतिक्रिया : डीएसपी धीरज कुमार का कहना है कि मंदिर में मा भीमेश्वरी देवी के दर्शन के लिए भक्तों की भारी भीड़ पहुच रही है और पुलिस के स्तर पर उसी प्रकार से पुख्ता प्रबंध किए गए है। किसी भी भक्त को कोई परेशानी होती है तो वह कंट्रोल रुम में संपर्क करते हुए मदद प्राप्त कर सकता है। फिर भी पुलिस कैमरों एवं यहा तैनात स्टॉफ की मदद से पल प्रति पल की गतिविधि पर नजर बनाए हुए है।


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