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नहीं रूक रही नहरों से पानी की चोरी

जागरण संवाददाता, झज्जर : गेहूं की फसल हो या धान की फसल उसकी सिंचाई के लिए पानी की कमी हर सीजन में खल

By Edited By: Published: Sat, 31 Jan 2015 07:06 PM (IST)Updated: Sat, 31 Jan 2015 07:06 PM (IST)

जागरण संवाददाता, झज्जर : गेहूं की फसल हो या धान की फसल उसकी सिंचाई के लिए पानी की कमी हर सीजन में खलती है। नहरी पानी की कमी के चलते किसान भी पानी की चोरी करने से नहीं चूक रहे हैं। इन दिनों नहरों में पानी चल रहा है और किसान भी मौके का फायदा उठा रहे हैं। चाहे रात हो या फिर दिन जिस समय भी मौका लग जाए नहरों व माइनरों में सूंडवे डालकर पानी की चोरी कर अपनी फसलों की सिंचाई कर रहे हैं। जिले में करीब एक लाख हेक्टेयर भूमि में गेहूं, करीब 15 हजार हेक्टेयर भूमि में जौ की फसल बोई हुई है। इन फसलों की दो बार सिंचाई हो चुकी है। इन फसलों की सिंचाई एक सीजन में चार बार सिंचाई होती है। अभी भी किसानों की दो बार सिंचाई होनी बाकी है। झज्जर जिले के अधिकांश क्षेत्रों का जमीनी पानी खारा है। जिसमें साल्ट अधिक होने के कारण क्षेत्र के किसानों को नहरी पानी पर अधिक निर्भर होना पड़ रहा है।

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नहरों से नहीं मिलता पूरा पानी

जिले की भूमि व लोगों की प्यास बुझाने के लिए जिले में 54 नहरें व माइनर हैं। इनमें से 49 माइनरों व नहरों की टेल झज्जर जिले में लगती हैं। नहरों से भी 32 दिन में मात्र आठ दिन ही पानी मिल पाता है। वहीं ट्यूबवेलों से भी फसलों में पानी की पूर्ति नहीं हो पाती है। वहीं डीजल इंजनों से ट्यूबवेलों को जलाना पड़ रहा है। किसानों को समय पर बिजली भी नहीं मिल पा रही है। कृषि क्षेत्र को आठ घंटे बिजली देने का शेड्यूल जारी किया गया है, लेकिन अघोषित कटों के चलते उनको बिजली भी पूरी नहीं मिल पाती है।

तोड़ा पेयजल आपूर्ति का नाला

झज्जर शहर के जल घरों के टैंकों को पानी से भरने के लिए ग्वालीशन रोड के साथ बनाए गए जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग के नाले को भी तोड़ दिया है। बताया जा रहा है कि बाइपास के साथ से गुजरने वाले नाले में पानी की कमी होती है तो आस पास के किसान नाले के उपर से गुजरने वाले पेयजल वाले नाले को तोड़ देते हैं। उसका पानी गंदे नाले के माध्यम से आगे जला जाता है। वहां पर किसान इंजन लगाकर पानी को उठा लेते हैं और अपनी फसल की सिंचाई करते हैं।

हर नहर से हो रहा पानी चोरी

क्षेत्र से गुजरने वाली जवाहर लाल नेहरू कैनाल हो या झज्जर डिस्ट्रीब्यूटरी या फिर कोई अन्य नहर या माईनर कोई भी पानी की चोरी से अछूती नहीं है। सिंचाई विभाग के अधिकारी भी छापेमारी कर पानी चोरी को रोकने का प्रयास करते रहते हैं। किसानों के सूंडवे काट दिए जाते हैं और विभाग की तरफ से उठाए भी जाते हैं। लेकिन उसके बाद भी पानी की केरी रूकने का नाम नहीं ले रही है।

जन स्वास्थ्य विभाग का नाला तोड़े जाने की सूचना नहीं थी। नाले को चैक करवा कर उसे ठीक करवा दिया जाएगा।

-जीके अरोड़ा, एसडीओ,

जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग, झज्जर।

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ठंड होने व कुछ दिन पहले वर्षा होने के कारण इस बार पहले से पानी चोरी के मामलों में कमी आई है। अब मौसम खुलने पर पानी की कमी खलेगी तो उस समय नहरी पानी की मांग बढ़ेगी। फिलहाल अधिकांश नहरों में टेल तक पानी पहुंच रहा है।

-रमेश कुमार,

कार्यकारी अभियंता, सिंचाई विभाग, झज्जर।


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