जनहित जागरण : मुखिया की जिद ने दिलाया गांव को सम्मान
शिव सिलानी, झज्जर साढे़ चार हजार की आबादी और डेढ़ सौ ज्यादा परिवार ऐसे हैं जिनको नहीं मिलता था पी
शिव सिलानी, झज्जर
साढे़ चार हजार की आबादी और डेढ़ सौ ज्यादा परिवार ऐसे हैं जिनको नहीं मिलता था पीने के लिए पानी। दूबलधन किरमाण गांव सरपंच दिनेश के दिमाग में यह बात ऐसी खटकी कि सरपंच बनने के बाद गाव की इस बड़ी आबादी को पेयजल उपलब्ध कराना लक्ष्य बना लिया। इस लक्ष्य को पूरा कराने में साथ निभाया जन स्वास्थ्य अभियात्रिकी विभाग के अधिकारियों ने और लोगों को जागरूक किया डब्लूएसएसओ स्टाफ ने। एक गाव के मुखिया की जिद ने गाव को न केवल सम्मान दिलाया बल्कि जल जैसा अमूल्य धन बचाने के लिए अन्य गाव के लिए मिसाल भी कायम कर दी। जी हा! गणतंत्र दिवस के मौके पर जिला स्तरीय गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि सहकारिता राज्य मंत्री विक्रम ठेकेदार के हाथों जल सरक्षण के लिए सम्मान पत्र हासिल कर गाव के सरपंच दिनेश ने नया इतिहास रचने का काम किया। हालाकि इस मौके पर चार अन्य पंचायतें भी सम्मानित हुई। लेकिन बड़ी आबादी का लक्ष्य और गाव की भौगोलिक स्थिति सरपच दिनेश के लिए सबसे बड़ी चुनौती थी। जिसे प्राप्त करने के लिए सरपंच व उसके साथी पंचों ने कहीं सख्ती से काम लिया तो कहीं भाई चारे की भावनात्मक बात कह लोगों को जल सरक्षण के लिए मनाया। सबसे पहले गाव में टूटिया लगाने की शुरूआत की ताकि पानी हर घर को मिले, लेकिन सरपंच की उस मुहिम को सफलता नहीं मिली और कई घर ऐसे रह गए जहा पानी नहीं पहुचा पाए। इससे जहा कोई दिल तोड़ने की बात सुनने को मिली तो कहीं हताश करने वाला लोगों से ताना भी मिला, लेकिन सरपंच दिनेश व अन्य साथी पंचों ने हिम्मत नहीं हारी और नए सिरे से रणनीति तैयार करते हुए ऊंचाई के मकानों के लिए अलग से नई पाईप लाईन बिछाने की सोची, जिसमें जल स्वास्थ्य अभियात्रिकी विभाग के अधिकारियों ने सकारात्मक सोच रखते हुए मंजूर कर लिया और गाव में पेयजल लाईन बिछाने का कार्य जल्द ही पूरा कर लिया गया, लेकिन एक बार फिर दिनेश को हताशा हाथ लगी, क्योंकि ढलान के चलते पानी ऊपर से सीधा नीचे आ जाता और बीच में पड़ने वालों दर्जनों परिवार पानी से महरूम रह जाते। यह बात दिनेश व उसके साथी पंचों को समझ नहीं आई तो विभाग के एसई प्रदीप कुमार के दिशा निर्देश पर डब्लूएसएसओ स्टाफ सदस्यों ने गाव का दौरा किया और सरपंच को हर घर में टूटी लगाने की बात कहीं ताकि बेकार पानी बहने से रूके , साथ ही हर घर को पानी भी मिले। यह बात सरपंच की समझ में आई और उन्होंने पंचायत कर ग्रामीणों से सहयोग मागा तो हर कोई इसके लिए तैयार हो गया और देखते ही देखते ऊं चाई के सभी घरों में पानी पहुंचने लगा।
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गाव की इस उपलब्धि पर सरपंच दिनेश का कहना है कि उसके दिमाग में कहीं न कहीं गाव के विकास की बात थी, साथ ही गाव के लिए पेयजल संकट को दूर करना उनकी दिली ख्वाहिश थी। जिसके पूरा होने पर आत्म संतुष्टि महसूस कर रहे है। गणतंत्र दिवस के मौके पर मिला सम्मान वह अपने लिए यादगार लम्हा बताते हुए कहते हैं कि उनके प्रयास रंग लाए इसकी बेहद खुशी उन्हें है।
जन स्वास्थ्य अभियात्रिकी विभाग के एसई प्रदीप कुमार का कहना है कि गाव के सरपंच द्वारा नई पाईप लाईन डालकर 100 प्रतिशत घरों को पेयजल पहुंचाने का इरादा उन्हे पसंद आया, क्योंकि कोई भी सरपंच इतनी कठिन भौगौलिक स्थिति के बावजूद पेयजल पहुंचाने का इरादा रखता है वह काबिले तारीफ है, साथ ही डब्लूएसएसओ स्टाफ के सदस्यों का ग्रामीणों को जागरूक करने का प्रयास और उसमें मिली सफलता कहीं न कहीं हर किसी के प्रयास पर जल सरक्षण पुरस्कार मिलना मुहर का कार्य कर रहा है।