फैक्ट्रियों से उगाही के मामले में एफआइआर, एक गिरफ्तार
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : राज्य के डीजीपी एसएन वशिष्ठ के सामने फैक्ट्रियों से उगाही का मामला उठने
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : राज्य के डीजीपी एसएन वशिष्ठ के सामने फैक्ट्रियों से उगाही का मामला उठने के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मचा है। आनन-फानन में पुलिस ने एफआइआइ भी दर्ज कर ली है और एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। कुल तीन आरोपियों में से एक मंडौठी का चर्चित अपराधी संजीव उर्फ काला भी है, जो जेल से छुट्टी आने के बाद से ही फरार है। उसकी गिरफ्तारी पर पुलिस अब दो लाख का इनाम घोषित करने की तैयारी में है।
दरअसल माडौठी के नजदीक कुछ फैक्ट्रिया चल रही हैं। रविवार को जब डीजीपी एसएन वशिष्ठ बहादुरगढ़ पहुंचे तो कुछ उद्यमियों ने उनके सामने फैक्ट्रियों से उगाही की शिकायत रखी। इस पर डीजीपी ने कड़ा संज्ञान लिया। उसके बाद पुलिस भी हरकत में आ गई। पुलिस के ही एक कर्मचारी की शिकायत पर एफआइआर दर्ज की गई।
यह है शिकायत
शिकायतकर्ता को इस बारे में गुप्ता सूचना मिलने का जिक्र है। आरोप है कि माडौठी के नजदीक चल रही कुछ फैक्ट्रियों से बदमाश किस्म के लोग उगाही करते है। इन फैक्ट्रियों के कर्मचारियों के साथ मारपीट भी की जाती है और उनसे पैसे व मोबाइल छीन लिए जाते है। इसमें माडौठी की ही गैंगवार के एक गुट के संजीव उर्फ काला के अलावा मोनू व बोदा को नामजद किया गया है। बताया जाता है कि संजीव माडौठी के करतार का भाई है जबकि मोनू उसका भतीजा है। संजीव हत्या के कई मामलों में वाछित है। पिछले दिनों उसे पकड़ा गया था मगर वह किसी न किसी तरह अदालत से मंजूरी पाकर छुट्टी पर घर आने को कामयाब हुआ और फिर फरार हो गया। अब पुलिस संजीव की गिरफ्तारी पर दो लाख का ईनाम घोषित करने की तैयारी में है। सदर थाना प्रभारी रणधीर सिंह ने बताया कि इस मामले में एक आरोपी मोनू को गिरफ्तार कर लिया गया है। शेष दो की तलाश जारी है।
यह था मामला
प्रदेश पुलिस प्रमुख के सामने रविवार को यह मामला उठा था। यह था औद्योगिक क्षेत्र में सुरक्षा का। स्थानीय स्तर पर कड़ी सुरक्षा के दावों के विपरीत उद्यमियों ने डीजीपी के सामने असुरक्षा जताई। उन्होंने तो यहा तक कहा था कि औद्योगिक क्षेत्र में गुंडागर्दी फैली हुई है। बंदूकधारी यहा पर फैक्ट्रियों से उगाही कर रहे है। मजदूरों से भी पैसे छीनने की घटनाएं हो रही है। यह मामला मांडौठी के पास स्थित उद्योगों से जुड़ा है। उद्यमियों ने बताया था कि आसपास के गांवों में कुछ बदमाश पनपे हुए है। ये बदमाश या तो फैक्ट्रियों में घुसकर उद्यमियों से अवैध वसूली करते है या फिर फैक्ट्रियों में काम करने वाले कर्मियों से पैसे और मोबाइल छीनते है। ये कई बार पकड़े गए है, लेकिन जेल से निकलते ही फिर ऐसी हरकतों पर उतर आते है। अक्सर फैक्ट्रियों में घुस जाते है और उद्यमियों को अवैध वसूली की धमकी देते है। इन पर पूरी तरह लगाम लगनी चाहिए। दिल्ली के कई उद्यमी उनका शिकार हो चुके है।
डीएसपी को सौंपी थी जाच
उद्यमियों की शिकायत सुनने के बाद डीजीपी वशिष्ठ ने इस पूरे मामले की जाच स्थानीय डीएसपी शमशेर दहिया को सौंप दी थी। उन्होंने कहा था कि जाच के बाद ऐसे मामलों में वाछित बदमाशों को तुरत पकड़ा जाए ताकि औद्योगिक क्षेत्र में शाति बनी रहे।