छत्तीसगढ़ से सुबूत लेकर लौटी रेलवे पुलिस टीम
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी) के जवान मदन दलाल की खुदकुशी के माम
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ :
भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी) के जवान मदन दलाल की खुदकुशी के मामले में आरोपी अफसरो से पूछताछ और सुबूत जुटाने के लिए छत्तीसगढ़ गई टीम वापस लौट आई है। अधिकारियों ने अभी पूरी तरह खुलासा तो नहीं किया लेकिन यह दावा किया है कि वहा से उन्हे कई अहम सुबूत हाथ लगे है।
मदन ने मरने से पहले सुसाइड नोट में अपनी मौत के लिए आइटीबीपी के तीन अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया था। मदन के परिजन व ग्रामीण रविवार को छत्तीसगढ़ से लौटी जीआरपी पुलिस टीम से मिले और वहा से क्या सुबूत मिले है, इसकी जानकारी ली। जाच अधिकारी सुखबीर ने बताया कि एसओ प्रवीण कुमार और रामभगत कुशवाह के खिलाफ अहम सबूत मिले है। वीडियो रिकार्डिग के अलावा कुछ दस्तावेज भी मिले है, जो मामले की पैरवी में अहम साबित होंगे। उन्होंने बताया कि आइजी की ओर से उन्हे तीनों अधिकारियों को गिरफ्तार करने के आदेश मिल चुके है। मगर 1 दिसंबर तक तीनों आरोपी अधिकारियों ने झज्जार सत्र अदालत से अंतरिम जमानत ले रखी है। ऐसे में कोर्ट के आदेशों के चलते उन्हे फिलहाल गिरफ्तार नहीं किया जा सकता। 1 दिसंबर को पुलिस न्यायाधीश के समक्ष पेश होकर उनकी अंतरिम जमानत रद करने की अपील करेगी। इस दौरान अनिल, राजपाल आर्य, मृतक मदन लाल के पिता सुखबीर ¨सह, पूर्व चेयरमैन दयानन्द, कृष्ण, महेन्द्र पहलवान, संत कुमार, ललित, कर्मबीर ने भी दोषियों को कठोर सजा दिए जाने की माग की।
यह था मामला
बहादुरगढ़ के पास आसौदा टोडराण के रहने वाले मदन दलाल ने ट्रेन से कटकर खुदकुशी कर ली थी। वह अपने साथी कैथल के कपिल शर्मा की संदिग्ध मौत से आहत था। मौके से सात पेज का सुसाइड नोट मिला था इसमें उसने अपने तीन अफसरों को अपनी और साथी की मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया था। मदन आईटीबीपी की 18 बटालियन में सिपाही चालक था और फिलहाल वह छत्तीसगढ़ के राजनादगाव तहसील में सीतागाव मोहल्ला मानपुर में तैनात था।