Move to Jagran APP

हिस्ट्रीशीटरों को मिली चेतावनी

जागरण संवददाता, झज्जर : चुनाव में किसी तरह की गड़बड़ी न हो इसके लिए पुलिस ने जेल की सलाखों से बाहर रह

By Edited By: Published: Sat, 04 Oct 2014 11:36 PM (IST)Updated: Sat, 04 Oct 2014 11:36 PM (IST)
हिस्ट्रीशीटरों को मिली चेतावनी

जागरण संवददाता, झज्जर : चुनाव में किसी तरह की गड़बड़ी न हो इसके लिए पुलिस ने जेल की सलाखों से बाहर रह रहे हिस्ट्रीशीटरों को हिदायत दी है कि अगर किसी भी गड़बड़ी में उनका हाथ मिला तो उन्हें तत्काल हिरासत में लिया जाएगा और चुनाव की अवधि के दौरान उन्हें जमानत भी नहीं मिलेगी। इसके अतिरिक्त पुलिस ने उन अपराधियों की धरपकड़ का काम तेज कर दिया है जो फिलहाल भगोड़े हो चुके हैं। गौरतलब है कि पुलिस थाने में उन अपराधियों को हिस्ट्रीशीट माना जाता है जिन पर दो या दो से ज्यादा मुकदमे हैं।

loksabha election banner

------------------

पैरोल पर पूरी तरह से रोक

उधर, जेल प्रशासन ने पैरोल पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। केवल विशेष परिस्थिति में पैरोल पर विचार हो रहा है। उल्लेखनीय है कि कारागार में बंद विचाराधीन व सजायाफ्ता कैदियों को दो तरह से रियायत दी जाती है। पहली पैरोल तथा दूसरी फर्लो। कैदी को पैरोल तभी दी जाती है जब उसकी सजा का एक साल पूरा हो जाता है। फर्लो उसी सूरत में दी जाती है जब सजा के तीन साल पूरे हो चुके हो। इसमें शर्त यह भी होती है कि कैदी का चाल चलन जेल के भीतर ठीक रहा हो। पैरोल की कई श्रेणी बनाई गई हैं। खेती के लिए छह सप्ताह की पैरोल दिए जाने का प्रावधान है। यह साल में एक बार ही मिल सकती है। बच्चों के स्कूल में दाखिले के लिए चार सप्ताह की पैरोल दी जा सकती है। यह भी साल में एक बार दी जा सकती है। मकान बनाने या उसकी मरम्मत के लिए तीन साल में एक बार पैरोल का प्रावधान है। यह तीन सप्ताह की अधिकतम हो सकती है। पैरोल की खास बात है कि यह सजा में नहीं जुड़ती है। यानि कैदी जितना समय पैरोल पर रहेगा उतनी सजा उसे काटनी होगी। फर्लो के बारे में अलग से नियम हैं। तीन साल की सजा पूरी होने के बाद यह शुरू होती है। पहली दफा इसकी अवधि 21 दिन की होती है तो उसके बाद यह सिमटकर 4 दिनों की रह जाती है। फर्लो की खास बात है कि यह अवधि सजा में जुड़ जाती है। यानि जितनी अवधि इस कैटेगरी में कैदी जेल से बाहर रहा उतनी सजा कम हो जाएगी। पुलिस अधीक्षक बलबीर सिंह ने कहा कि चुनाव को शांति पूर्ण कराने के लिए सारी कवायद की जा रही है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.