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रोड शो पर काग्रेस व भाजपा में सियासत

By Edited By: Published: Sat, 27 Sep 2014 01:00 AM (IST)Updated: Sat, 27 Sep 2014 01:00 AM (IST)

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : नामाकन से पहले के रोड शो को लेकर काग्रेस व भाजपा के बीच बृहस्पतिवार को दिन भर सियासत होती रही। कार्यकर्ताओं और समर्थकों को जिस जगह एकत्रित होना है, वह दोनों ने एक चुन ली। मगर भाजपा की ओर से इसकी अनुमति पहले ही लिए जाने से काग्रेसी खेमे को काफी कोशिश के बाद अपना रूट बदलना पड़ा। प्रशासनिक अधिकारियों ने भी आदर्श आचार संहिता को सामने रख फैसला सुना दिया।

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दरअसल भाजपा प्रत्याशी नरेश कौशिक की ओर से शुक्रवार 26 सितंबर को नामाकन पत्र भरा जाएगा। उन्होंने तय कार्यक्रम के अनुसार कार्यकर्ताओं और समर्थकों को सुबह के समय रेलवे स्टेशन पर बुलाया है। वहा से रोड शो के बाद नामाकन दाखिल होगा। दूसरी ओर काग्रेस प्रत्याशी राजेंद्र जून की ओर से नामाकन तो 27 सितंबर को किया जाएगा मगर उन्होंने भी 26 सितंबर को रोड शो तय कर रखा है। माहौल तब गर्माया जब काग्रेस प्रत्याशी के रोड शो का रूट भी भाजपा प्रत्याशी वाला ही बन गया। समय में भी ज्यादा अंतर नहीं रहा। इससे भी ज्यादा समस्या तो रेलवे स्टेशन के पास ही कार्यकर्ताओं के जमा होने पर बनी। चूंकि भाजपा प्रत्याशी की ओर से इसके लिए पहले ही अनुमति ली जा चुकी है। ऐसे में प्रशासनिक अधिकारियों के सामने भी काग्रेस की किसी तरह की दुहाई नही चली। काग्रेसियों ने बृहस्पतिवार को दिनभर पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों से मिलकर खुद के रूट व जगह न बदलने की दलील दी। मगर रोड शो के दौरान दोनों खेमों के बीच किसी तरह की तनातनी न हो, इसलिए प्रशासनिक अधिकारियों ने स्पष्ट कर दिया कि कानूनी तौर पर जिसने पहले जिस जगह के लिए अनुमति ली है, उसका कार्यक्रम वही होगा।

काग्रेसियों ने बदला रूट

काग्रेस की ओर से रेलवे स्टेशन से रोड शो शुरू करने और रेलवे रोड़ से होते हुए गंतव्य तक पहुचने का कार्यक्रम बनाया था। मगर बाद में एकत्रित होने की जगह मालगोदाम के पास रखी गई। जुलूस भी का रूट भी अनाज मंडी से तय किया गया। यहा से होता हुआ जुलूस गाधी मार्केट से रेलवे रोड़ पर आएगा। आगे का रूट ज्यों का त्यों रहेगा। समय भी अलग रखा गया है।

भेदभाव किया तो करेगे शिकायत : कौशिक

भाजपा प्रत्याशी नरेश कौशिक का कहना था कि उन्होंने पहले ही रोड शो व अन्य गतिविधियों की अनुमति ले रखी है। यदि किसी तरह का भेदभाव हुआ या फिर नाजायज दबाव डाला गया तो वे चुनाव आयोग को शिकायत करेंगे।


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