सबसे बड़ी आफत का निदान नहीं
जागरण संवाददाता, झज्जर : शहर में नया बस स्टैंड बनाने की योजना करीब चार साल पहले तैयार की गई और ढाई साल पहल इसकी आधारशिला भी मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने रखी थी। लेकिन आज तक नए बस स्टैंड का काम शुरू नहीं हो पाया है। सामान्य बस स्टैंड की चारदीवारी व वर्कशाप के निर्माण के लिए करीब छह करोड़ रुपये की राशि लोक निर्माण विभाग को जमा कराए जाने के बाद कर्मशाला व चारदीवारी काम ही शुरू हो पाया है। वहीं दूसरी ओर बसों की कमी भी परिवहन व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने में रोड़ा बनी हुई है।
नए सामान्य बस स्टैंड के लिए रोहतक रोड पर करीब 28 एकड़ भूमि का अधिग्रहण पहले कर लिया गया था। इसके बाद बस स्टैंड के लिए जगह कम दिखाई दी तो परिवहन विभाग ने सरकार को करीब दस एकड़ जमीन और देने की मांग की गई। इसके बाद इन जमीन का अधिग्रहण करने की प्रक्रिया करीब ढाई साल से चल रही है। बस स्टैंड के लिए करीब 38 एकड़ चार कनाल 19 मरला जमीन पर बनाया जाना है। करीब एक पखवाड़े पूर्व 10 एकड़ चार कनाल व तीन मरला जमीन का राजस्व विभाग की तरफ से अवॉर्ड सुनाया गया है। इस जमीन के लिए किसानों को 58 लाख 95 हजार 732 रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा भी वितरित किया गया है।
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14 जनवरी 2012 को रखी थी आधारशिला
रोहतक रोड पर बनने वाले नए बस स्टैंड के निर्माण के लिए पिछले वर्ष 14 जनवरी को प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने इसकी आधारशिला भी रखी थी। इसके बाद 25 करोड़ रुपये की इस परियोजना के लिए पिछले दिनों परिवहन विभाग के पास करीब छह करोड़ रुपये की राशि आई थी। परिवहन विभाग ने यह राशि पूर्व लोक निर्माण विभाग के खाते में जमा करवा दी थी। उसके बाद लोक निमार्ण विभाग ने बस स्टैंड की चार दीवारी व वर्कशाप के निर्माण निर्माण प्रक्रिया शुरू की हुई है।
जाम हुआ आम
शहर का वर्तमान बस स्टैंड शहर के बीचों बीच बना है। जिसकी वजह से बसों को किसी भी सड़क से आना हो उन्हें पूरे शहर को पार करके ही बस स्टैंड पर पहुंचना पड़ता है। शहर की सड़के टूटी होने व बसों के शहर के अंदर से आवागमन होने के कारण बस स्टैंड के आसपास अधिकांश समय जाम लगा रहता है। जिससे शहर वासियों व वाहन चालकों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जब बस स्टैंड शहर से बाहर चला जाएगा तो शहर वासियों को जाम की समस्या से काफी हद तक निजात मिल जाएगी।