भ्रष्टाचार के खिलाफ नहीं हो रही सुनवाई
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग भारत सरकार के आदेश के बावजूद प्रदेश के अधिकारी तय समय अवधि की जाच में भ्रष्टाचार व आपसी मिलीभगत से कैसे गरीब लोगों को न्याय से वंचित कर रहे है, इसका उदाहरण जिले के गाव तलाव के सरपंच व अन्य के खिलाफ दी भ्रष्टाचार की शिकायत पर की जा रही जाच से पता चलता है।
बहादुरगढ़ के सेक्टर-6 में रह रहे जिले के गाव तलाव निवासी कंवल सिंह ने गाव तलाव के सरपंच बलवान सिंह, पंचायत सचिव योगेंद्र व देवेंद्र और तत्कालीन खंड विकास एवं पंचायत विकास अधिकारी झज्जार रामकरण शर्मा के खिलाफ सुनियोजित तरीके से मिलीभगत करके पंचायत फंड, विभिन्न स्कीमों की सरकारी ग्राट व पंचायती जमीन के मुआवजे की राशि का दुरुपयोग की शिकायत मुख्य सचिव हरियाणा, आयुक्त रोहतक रेज व उपायुक्त झज्जार को की। अहलावत की कार्रवाई से आहत गाव तलाव के सरपंच बलवान सिंह ने अपने बेटे कुलदीप, पंच राजेश व गाव खरावड़ निवासी ओमप्रकाश उर्फ प्रकाशी और उसके एक साथी ने शिकायत करने पर जाति सूचक गालिया देते हुए जान से मारने की धमकी दी। पीड़ित ने इसकी शिकायत पुलिस अधीक्षक झज्जार व उपायुक्त को की लेकिन आरोपियों के खिलाफ उचित कार्रवाई न होने के कारण उन्होंने इसकी शिकायत कार्मिक लोक शिकायत विभाग एवं पेंशन मंत्रालय में की। शिकायत पर कार्रवाई करते हुए प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग भारत सरकार ने 14 जून 2013 को अपने पत्र क्रंमाक डीआरएपीजी/पी/03030 के माध्यम से महानिदेशक सुधीर राजपाल पीआर एवं ग्रेवेंस हरियाणा को कार्रवाई के लिए भेजा। शिकायतकर्ता अहलावत ने बताया कि अधिकारियों द्वारा दिए गए तय समय सीमा अवधि की जाच के आदेश के बावजूद मामले को जानबूझ कर लटका रहे हैं। आरोप है कि जाच को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित किया जा रहा है। शिकायतकर्ता ने बताया कि मुख्य सचिव के पत्र क्रमाक 722/जी/2014-एलडीजी के माध्यम से 27 मई 2014 को मुझे सूचित किया गया कि आपकी शिकायत जाच व कार्रवाई के लिए झज्जार के उपायुक्त के पास भेज दी है। शिकायतकर्ता के अनुसार जब उन्होने उपायुक्त झज्जार के कार्यालय में संपर्क किया तो मालूम हुआ कि शिकायत 1 जुलाई को अतिरिक्त जिला उपायुक्त को भेज दी गई है, जहा से 4 जुलाई खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी को जाच के लिए भेजा है। यह हास्यास्पद है कि उसी को जाच का जिम्मा सौंपा गया है। यदि उनकी शिकायत पर उचित कार्यवाही नहीं हुई तो वे उच्च अधिकारियों को पार्टी बनाकर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाऐंगे।