विज्ञान संकाय तो है, सात साल से प्राध्यापक नहीं
जागरण संवाददाता, झज्जर :
सरकार ने शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए अनेक प्रकार की योजनाएं लागू कर रही है। खास कर लड़कियों की शिक्षा पर अधिक जोर दिया जा रहा है, लेकिन यहां स्थिति इसके विपरित दिखाई दे रही है। जिला मुख्यालय पर स्थित राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में छात्राएं विज्ञान संकाय की शिक्षा प्राप्त करने से वंचित हो गई हैं। सात साल से विज्ञान के लिए इस विद्यालय में प्राध्यापकों के आने का इंतजार हो रहा है। इन प्राध्यापकों की मांग को लेकर शिक्षा मंत्री और सांसद तक गुहार लगाई जा चुकी है। इसके बाद भी समस्या का कोई समाधान नहीं हो पाया है।
1997 में लागू हुई थी विज्ञान संकाय
शहर के राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में छात्राओं को विज्ञान संकाय की शिक्षा देने के लिए शिक्षा विभाग की तरफ से वर्ष 1997 में विज्ञान संकाय लागू की गई थी। इसके बाद से वर्ष 2007 तक इस विद्यालय में भौतिकी और रसायन शास्त्र के प्राध्यापक थे। वर्ष 2007 में इन प्राध्यापकों का स्थानांतरण हो गया। उनके स्थानांतरण के बाद से आज तक इस विद्यालय में दोनों विषयों के प्राध्यापकों की नियुक्ति नहीं हो पाई है।
कैसे मिलें प्राध्यापक, नीति बनी बाधा
शिक्षा विभाग की तरफ से प्राध्यापकों की नियुक्ति के लिए बनाई गई नीति भी बाधा बनी हुई है। प्राध्यापकों की नई नियुक्ति और प्रमोशन के बाद उनकी नियुक्त ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में ही कीद जाएगी। शहरी क्षेत्र में उनको नियुक्ति नहीं दी जाएगी। इस नीति के चलते पिछले सात साल से इस स्कूल में प्राध्यापकों की नियुक्ति नहीं हो पा रही है। जिसके कारण लड़कियों को विज्ञान संकाय की शिक्षा से वंचित होना पड़ रहा है।
बैरंग लौट रहे अभिभावक
इन दिनों स्कूलों में दाखिला प्रक्रिया जारी है, लेकिन राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में भौतिकी शास्त्र के प्राध्यापक न होने के कारण दाखिला प्रक्रिया भी प्रभावित होती जा रही है। अभिभावक अपनी लड़कियों को विज्ञान संकाय में दाखिला दिलाना चाहते हैं और इस स्कूल में प्राध्यापक न होने के कारण उन्हें निराश होकर बैरंग ही लौटने पर मजबूर होना पड़ रहा है।
अन्य विद्यालयों का लेना पड़ रहा सहारा
राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में भौतिकी व रसायन शास्त्र के प्राध्यापक न होने के कारण अभिभावकों का दूरदराज के क्षेत्रों में स्थित स्कूलों का ही सहारा लेने पर मजबूर होना पड़ रहा है। ग्रामीण क्षेत्र से भी बड़ी संख्या में अभिभावक विज्ञान संकाय में अपनी बेटियों का दाखिला करवाने के लिए आते हैं, लेकिन इस स्कूल में प्राध्यापक न होने के कारण उनको अपनी लड़कियों का दूसरे स्कूलों में ही दाखिला करवाना पड़ता है।
मुख्यालय को लिखा : प्राचार्य
राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के प्राचार्य डा. हरपाल सिंह डागर का कहना है कि विज्ञान संकाय की शिक्षा के लिए भौतिकी व रसायन शास्त्र के प्राध्यापकों की आवश्यकता होती है। इस बारे में कई बार शिक्षा विभाग के मुख्यालय को भी लिखा गया है। उनका कहना है जब उनके विद्यालय में सात साल से दोनों विषयों के प्राध्यापक ही नहीं हैं तो अभिभावक इस बात को सुनने के बाद वापस चले जाते हैं।
क्या कहते हैं अधिकारी
किसी स्कूल में कोई अध्यापक अतिरिक्त हुआ तो उसकी अस्थाई नियुक्ति कर दी जाएगी। वह भी कुछ दिन के लिए।
-साधुराम रोहिला, जिला शिक्षा अधिकारी झज्जर।