गरीबों को शिक्षा पर दोहरी नीति अपना रही है सरकार : मंडोरा
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़
दो जमा पाच मुद्दे की कार्यकारिणी ने आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाने के मामले में सरकार की नीयत पर सवाल उठाए है।
स्थानीय कार्यकारिणी के पदाधिकारियों का कहना है कि यदि सरकार चाहे तो सभी गरीब परिवारों के बच्चे निश्शुल्क पढ़ सकते है। कार्यकारिणी से जुडे़ राहुल मंडोरा ने बताया कि प्रदेश की शिक्षा मंत्री ने अपने अधिकारियों को आदेश दिए कि सभी प्राइवेट स्कूलों में 10 प्रतिशत आर्थिक कमजोर बच्चों को फ्री में आठवीं तक और 10-12 तक सरकारी फीस लेकर शिक्षा देनी होगी। जबकि उनका संगठन सभी 25 प्रतिशत के दाखिले पर लड़ रहे थे। जिससे ज्यादा से ज्यादा बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में दाखिल दिलाया जा सके लेकिन सरकार ने 10 प्रतिशत हक देकर यह साबित कर दिया है कि सरकार की नीयत में खोट है। हरियाणा की जनता का सहयोग हमें मिलता है तो दो जमा पाच जन मुद्दे पर अपना 25 प्रतिशत हक कोर्ट से लेकर रहेगी और अब यह केस हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट में चला गया है। राहुल मंडोरा ने अपील की कि सभी 10 प्रतिशत आर्थिक रूप से अभिभावक अपने हक को लें और जो स्कूल आपको अपना हक देने से मना करता है तो उस स्कूल से लिखित में लें कि वे 134ए का हक आपको नहीं दे सकते। दो जमा पाच जन मुद्दे अगली सुनवाई में उसे स्कूलों का नाम कोर्ट को बताएगी और जल्द ही ऐसे स्कूलों की मान्यता रद हो जाएगी।