उठान न होने से मंडियों में भीगा गेहू
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : समय पर उठान नहीं होने और प्रकृति ने एक बार फिर किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है। बृहस्पतिवार रात को हुई आठ एमएम बरसात से मंडियों में रखा गेहू भीग गया। वहीं खेतों में चल रहा कार्य भी रुक गया है। अभी एक और दिन मौसम में इसी तरह की उठापटक की संभावना है। तीन दिन के अंतराल पर हुई इस बरसात से तो कहीं ज्यादा नुकसान हुआ है।
आठ मिलीमीटर बरसात के कारण धरती पुत्र के जले पर प्रकृति ने नमक छिड़क दिया है। रात को शुरू हुई बरसात रुक-रुककर शुक्रवार की सुबह तक जारी रही। कृषि विभाग की ओर से सुबह 8 बजे इसकी मात्रा दर्ज की गई।
जिले में इस समय कई मंडियों में खरीद चल रही है। बहादुरगढ़ उपमंडल की बात करे तो यहा शहर के अलावा आसौदा और छारा में भी खरीद चल रही है। सभी जगह उठान में देरी के चलते रात में खुले में रखा गेहू भीग गया। आसौदा और बहादुरगढ़ को मिलाकर ही एक हजार से ज्यादा क्विंटल गेहू खुले में रखा था। हालाकि अधिकारी अब यह कहकर लापरवाही को छिपाने की कोशिश कर रहे है कि बारिश ज्यादा नहीं थी और शुक्रवार को दिन भर धूप के कारण जो थोड़ा बहुत गेहू भीगा था। वह सूख चुका है। इसके बाद उठान कार्य शुरू किया गया। किसानों का कहना है कि इस समय मौसम खराब चल रहा है। इसलिए खरीद के साथ ही उठान कार्य भी तेज किया जाना चाहिए, लेकिन ऐसा भी नहीं किया गया। इसी कारण गेहू भीग गया।
खेतों में ठप हुआ कार्य
बरसात के कारण खेतों में सभी तरह का कार्य ठप हो गया है। गेहू की कटाई से लेकर ढुलाई, थ्रेसिंग तक के सभी कार्य बंद हो गए। किसानों ने बताया कि दो दिन पहले दो एमएम बरसात से ही काफी विपरीत असर पड़ा था और अब तो इससे चार गुना ज्यादा बरसात हुई है। माडौठी गाव के किसान आनंद, मुख्तयार, धर्मपाल ने बताया कि बेमौसम की यह बरसात नुकसान ही दे रही है। मंडियों में अव्यवस्था पहले से है। ज्यादातर जगहों पर खुले में ही खरीद चल रही है। उठान समय पर नहीं हो रहा है। ऐसे में गेहू भीग रहा है।