अनाज मंडियां लबालब, लदान की बत्ती गुल
जागरण संवाददाता, झज्जर : सीजन में अब तक केवल एक दिन ही अनाज मंडियों में गेहूं की खरीद हो पाई है, लेकिन न तो गेहूं को कट्टों में भरा जा सका है और न ही गेहूं का लदान शुरू हो पाया है। अनाज मंडिया गेहूं से फुल हो चुकी हैं। अभी तक अनाज मंडियों से गेहूं का लदान भी शुारू नहीं हो पाया है। जिले की अनाज मंडियों में करीब दो लाख क्विंटल गेहूं की आवक हो चुकी है, जबकि खरीद केवल 30 हजार क्विंटल की ही हो पाई है। शनिवार को अनाज तीन मंडियों में गेहूं की खरीद शुरू हो पाई थी। रविवार की छुट्टी के कारण आज खरीद नहीं हो पाई है। सोमवार को भी सरकारी कार्यालयों की डा. भीमराव अंबेडकर जयंति की छुट्टी तो रहेगी। लेकिन अनाज मंडियों में गेहूं की खरीद की जाएगी, क्योंकि रविवार की छुट्टी के अलावा सभी दिन खरीद जारी रहेगी। जिले की सात मंडियों में एक अप्रैल से गेहूं की खरीद के सरकारी आदेश थे। बीच में लोकसभा चुनाव के कारण खरीद शुरू नहीं हो पाई थी। शनिवार को झज्जर, बहादुरगढ़ व माजरा डी की अनाज मंडियों में गेहूं की खरीद हुई थी। मातनहेल, आसौदा, बेरी व छारा की अनाज मंडियों में गेहूं की खरीद शुरू नहीं हो पाई है।
नहीं आया बारदाना
आढ़ती चरण सिंह दलाल का कहना है कि गेहूं की खरीद तो शुरू हो गई लेकिन बारदाना आढ़तियों को नहीं दिया गया है। जिससे खरीदा हुआ गेहूं के भी ढेर लगे है।
आश्वासन मिले बारदाना नहीं
आढ़ती राजेश कुमार का कहना है कि हैफेड अधिकारी बारदाना आने के आश्वासन तो दे रहे हैं, लेकिन बारदाना रविवार की दोपहर बाद तक नहीं पहुंचा था।
भुगत रहे अतिरिक्त खर्च
आढ़ती दिनेश कुमार का कहना है कि गेहूं की आवक अधिक व खरीद कम होने के कारण गेहूं के ढेर लगाने के लिए जेसीबी मशीनों का सहारा ले रहे हैं। जिससे उन को अतिरिक्त खर्च भी उठाना पड़ रहा है।
समस्याओं का नहीं हो रहा समाधान : प्रधान
आढ़ती यूनियन के प्रधान चांद सिंह का कहना है कि रात के समय बिजली कई कई घंटे गुल हो जाती है। पहले मंडी की लाइन लघु सचिवालय की लाइन से जुड़ी थी। अब इसको शहर की लाइन से जोड़ दिया गया है। अधिकारियों का भी शिकायत दी गई है। इसके बावजूद समस्या का समाधान नहीं हुआ है। रात के अंधेरे में गेहूं की चोरी होने का भी भय बना हुआ है।