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जब हाथ का साथ छोड़ हुड्डा राज में चौ. भजनलाल ने दौड़ाया था ट्रैक्‍टर

हरियाणा में 2009 के लोकसभा चुनाव में 67.51 फीसद मतदान हुआ था। 210 प्रत्याशी दस सीटों पर उतरे थे। 14 महिला प्रत्याशियों ने भी चुनाव लड़ा था। तब भजनलाल ने नई पार्टी का गठन किया था।

By manoj kumarEdited By: Published: Tue, 16 Apr 2019 05:01 PM (IST)Updated: Wed, 17 Apr 2019 11:40 AM (IST)
जब हाथ का साथ छोड़ हुड्डा राज में चौ. भजनलाल ने दौड़ाया था ट्रैक्‍टर

हिसार [गौरव त्रिपाठी] 2009 में हुए 15वें लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने हरियाणा की नौ सीटों पर जीत हासिल की थी। भजनलाल ने मुख्यमंत्री की रेस में भूपेंद्र सिंह हुड्डा से पिछडऩे के बाद इस चुनाव से दोबारा केंद्रीय राजनीति की ओर रुख किया। हालांकि वे पहले भी दो बार लोकसभा पहुंच चुके थे, लेकिन इस बार उन्होंने अपने गढ़ हिसार से हरियाणा जनहित कांग्रेस (हजकां) के नाम से पार्टी बनाकर चुनाव लड़ा। भजनलाल पहली बार कांग्रेस के झंडे के बिना लोकसभा चुनाव लड़ रहे थे। हुड्डा राज में जहां पूरे सूबे में कांग्रेस प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की, वहीं हिसार में भजनलाल का ट्रैक्टर (हजकां का चुनाव निशान) दौड़ा। भजनलाल ने इनेलो के संपत सिंह को 6983 वोटों से हराकर जीत हासिल की। भजनलाल को 248476 वोट मिले थे। जयप्रकाश (जेपी) इस बार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव मैदान में थे और वे तीसरे नंबर पर रहे। जेपी को 204539 वोट मिले थे।

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अशोक तंवर ने सिरसा में कांग्रेस का झंडा लहराया

सिरसा आरक्षित संसदीय सीट पर कांग्रेस ने इस बार अशोक तंवर को चुनाव मैदान में उतारा। इस सीट पर तंवर का इनेलो प्रत्याशी डा. सीताराम से तगड़ा मुकाबला हुआ। तंवर को 415585 वोट मिले थे। दूसरे नंबर पर इनेलो के डा. सीताराम को 380085 वोट मिले। बसपा के राजेश कुमार तीसरे स्थान पर रहे। उन्हें 76010 वोट मिले थे।

दीपेंद्र हुड्डा ने दर्ज कराई प्रदेश में सबसे बड़ी जीत

रोहतक सीट पर दीपेंद्र सिंह हुड्डा का यह पहला आम चुनाव था। इससे पहले दीपेंद्र ने पिता भूपेंद्र सिंह हुड्डा के प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बाद उप चुनाव में रोहतक सीट पर हुए उपचुनाव में जीत हासिल की थी। दीपेंद्र ने इनेलो के नफे सिंह राठी को रिकार्ड मतों से हराया था। यह मतों के हिसाब से प्रदेश में अब तक की सबसे बड़ी जीत है। दीपेंद्र को 585016 वोट मिले थे। दीपेंद्र ने 445736 वोटों से जीत दर्ज कराई थी।

अजय चौटाला को हराकर श्रुति ने लिया पिता की हार का बदला

भिवानी सीट पर कांग्रेस ने बंसीलाल की पोती और सुरेंद्र सिंह की बेटी श्रुति चौधरी को प्रत्याशी बनाया था। श्रुति चौधरी ने इनेलो उम्मीदवार अजय चौटाला को हराकर पिता की हार का बदला लिया था। श्रुति चौधरी को 302817 वोट मिले थे। दूसरी नंबर पर रहे अजय चौटाला को 247240 वोट मिले थे। हरियाणा जनहित कांग्रेस के उम्मीदवार नरेंद्र सिंह तीसरे स्थान पर रहे और उन्हें 214161 वोट मिले थे।


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