शराब बंदी पर प्रतिबंध को लेकर हुई पंचायत
संवाद सहयोगी, घिराय: गांव जुगलान में रविवार सुबह शराबबंदी को लेकर पंचायत हुई। पंचायत में ग्रामीणों
संवाद सहयोगी, घिराय: गांव जुगलान में रविवार सुबह शराबबंदी को लेकर पंचायत हुई। पंचायत में ग्रामीणों की संख्या कम होने की वजह से शराब बंद करने का पूर्ण रूप से फैसला नहीं हुआ। अब आगामी पंचायत एक जून को गांव के सरकारी स्कूल में करने का निर्णय लिया गया है। गौरतलब हो की जुगलान में शराबबंदी के पीछे एक दर्दनाक हादसा जुड़ा है। 17 अगस्त 2003 को जहरीली शराब पीने से गांव में छह लोगों की मौत हो गई थी। मृतकों में चार लोग जुगलान के रहने वाले थे, वहीं दो किसी दूसरे गांव से ताल्लुक रखते थे। जहरीली शराब पीने से दो लोग नेत्रहीन भी हुए थे। पूर्व सरपंच बलजीत ¨सह सिवाच ने बताया कि हादसे के बाद ग्रामीणों ने पूर्ण शराबबंदी करते हुए कई फैसले लिए थे। इसमें गांव में ठेका नहीं खुलेगा, गांव में कोई शराब नहीं पीएगा, अगर कोई शराब पीता मिला तो उस पर जुर्माना लगेगा। ग्रामीण ने बताया कि शराबबंदी को लागू करने के लिए दो कमेटियां बनी थीं। 11 सदस्यीय कमेटी में गांव के बुजुर्ग और मौजिज लोग शामिल थे। 21 सदस्यीय युवाओं की कमेटी अलग से थी। अगर गांव में कोई पहली बार शराब पीता मिला तो उस पर 1100 रुपये जुर्माना लगता था। दूसरी बार पकड़े जाने पर 11 हजार रुपये जुर्माना लगता था। दिसंबर 2013 तक शराबबंदी पूरी तरह लागू रही।
कुछ लोग पकड़े भी गए। अब फिर से बंदी का असर नहीं दिखता। कुछ लोग बाहर से शराब लाते हैं और चोरी छिपे बेचते हैं। गांव के पूर्व सरपंच बलजीत ¨सह सिवाच ने बताया कि जब तक वह सरपंच रहे न तो गांव में ठेका खुलने दिया। उन्होंने कहा कि आगे कभी ठेका खुला तो विरोध करेंगे। सरपंच प्रतिनिधि सुरेंद्र समोता ने कहा कि गांव में पूर्ण रूप से शराब बंद करने को लेकर पंचायत की गई थी। पूर्ण रूप फैसला लागू करने को लेकर अब 1 जून को पंचायत बुलाई गई है जिसमें शराब बंदी को पूर्ण रूप से बंद करने को लेकर कमेटियां बनाई जाएगी।