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रेलवे पुलिस ने नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए गांवों में दबिश दी

- जीआरपी और आरपीएफ थाना में हुआ था एक-एक केस दर्ज जागरण संवाददाता, हिसार : रेलवे थाना पुलिस ने

By JagranEdited By: Published: Tue, 28 Feb 2017 09:06 PM (IST)Updated: Tue, 28 Feb 2017 09:06 PM (IST)
रेलवे पुलिस ने नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए गांवों में दबिश दी
रेलवे पुलिस ने नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए गांवों में दबिश दी

- जीआरपी और आरपीएफ थाना में हुआ था एक-एक केस दर्ज

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जागरण संवाददाता, हिसार :

रेलवे थाना पुलिस ने बीते रविवार को काला दिवस मनाने के दौरान रेलवे फाटक तोड़ने व रेलमार्ग बाधित करने वाले जाट युवा आंदोलनकारियों की धरपकड़ के प्रयास तेज कर दिए हैं। इस मामले में नामजद आरोपी लाडवा वासी संदीप और सुल्तानपुर वासी राजेश की गिरफ्तारी के लिए उनके संभावित ठिकानों पर दबिश जारी है। इस कड़ी में पुलिस ने उनके गांवों में जाकर छापा मारा लेकिन आरोपी नहीं मिले। वहीं, रेलवे पुलिस ने मामले में अज्ञात 30-40 के विरुद्ध भी केस दर्ज किया था। उन युवा आंदोलनकारियों की पहचान के लिए भी वीडियो व फोटो का सहारा लिया जा रहा है। ऐसे में आरोपियों की शीघ्र गिरफ्तारी के लिए हर संभव प्रयास जारी हैं। 26 फरवरी को आरोपियों के विरुद्ध जीआरपी और आरपीएफ थाना में अलग-अलग धाराओं व एक्ट के तहत केस दर्ज हुए थे। जीआरपी थाना में आइपीसी की धारा 147, 149, 186, 353 और आरपीएफ थाना पुलिस ने रेलवे अधिनियम के तहत धारा 160 (2) और 174 के तहत कार्रवाई अमल में लाई है।

गौरतलब है कि जाट आंदोलनकारियों ने रविवार का दिन काला दिवस के रूप में मनाया था। तब काफी संख्या में जाट समाज के लोग धरना स्थल पर पहुंचे थे। उनमें से कुछ युवा आंदोलनकारी आक्रोशित होकर रामायण रेलवे फाटक पर पहुंच गए थे और वहां तोड़फोड़ करने लग गए थे। उन्होंने फाटक को तोड़ डाला था। फिर रेल मार्ग पर बैठकर उसे बाधित कर दिया था। इस वजह से वहां से गुजरने वाली मालगाड़ी को सातरोड में रोकना पड़ा था। करीब दो घंटे तक रेलवे मार्ग जाम रहा था। इस दौरान जब पुलिस ने उन्हें समझाने का प्रयास किया था, तब युवा आंदोलनकारी नहीं मानें। इसके चलते उन्होंने राज्य सेवक के कार्य में बाधा पहुंचाई और सरकारी ड्यूटी में बाधा पहुंचाने का काम किया था। इस स्थिति पर हिसार पुलिस व जिला प्रशासन ने काबू पाते हुए आंदोलनकारियों से रेलमार्ग खाली करवाकर स्वयं सुरक्षा दीवार खड़ी कर दी थी। फिर किसी को रेलमार्ग की तरफ नहीं आने दिया था। डीसी-एसपी की मौजूदगी में वहां से मालगाड़ी गुजारी गई थी।

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यह है केस

-रेलवे अधिनियम के तहत धारा 160 (2) रेलवे फाटक तोड़ने पर लगती है। धारा 174 के अंर्तगत किसी की वजह या रेलमार्ग बाधित करने पर रेलगाड़ी के आवागमन में व्यवधान पैदा करना या देरी करवाना है।

- आइपीसी की धारा 147, 149, 186, 353 के तहत दंगा करना, तोड़फोड़ मचाना, राज्य सेवक के काम में बाधा डालना, संपत्ति को नुकसान पहुंचाना, सरकारी ड्यूटी में बाधा पहुंचाना होता है।

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आरोपियों की धरपकड़ के लिए गांवों व संभावित ठिकानों पर छापामारा है। उन्हें जल्द गिरफ्तार कर लेंगे। किसी के पास घटना के दिन की वीडियो व फोटो हैं तो रेलवे पुलिस को उपलब्ध करवाएं।

- राजेंद्र कुमार, एसएचओ जीआरपी।


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