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जाट बाहुल्य क्षेत्रों से निर्वाचित विधायक विधानसभा में उठाए आरक्षण का मुद्दा: संघर्ष समिति

जागरण संवाददाता, हिसार : अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति कि कुरुक्षेत्र और पंचकूला की बैठकों में

By Edited By: Published: Wed, 25 Nov 2015 11:58 PM (IST)Updated: Wed, 25 Nov 2015 11:58 PM (IST)
जाट बाहुल्य क्षेत्रों से निर्वाचित विधायक विधानसभा में उठाए आरक्षण का मुद्दा: संघर्ष समिति

जागरण संवाददाता, हिसार : अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति कि कुरुक्षेत्र और पंचकूला की बैठकों में फैसला लिया गया है कि संगठन को मजबूत करने के लिए हर जिला स्तर पर कमेटियों का गठन किया जाए। रैलियों के माध्यम से जाट समाज को एकजुट किया जाए। इसके अलावा हरियाणा से जितने भी विधायक जाट बाहुल्य क्षेत्रों से जीतकर आए है, उनसे अपील की जाती है कि विधानसभा के शीतकालीन सत्र में जाट आरक्षण का मुद्दा उठाए।

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समिति के प्रदेश प्रवक्ता रामभगत मलिक ने बताया कि जाट आरक्षण समाज का संवैधानिक हक है और हक देना सरकार का काम है। यह कोर्ट का मामला नहीं है। अगर ऐसा होता तो एसवाइएल का पानी हरियाणा को कभी का मिल जाना चाहिए था। जो सालों से लंबित है। आरक्षण को भी पहले हरियाणा विधानसभा में पास करवाने के विधेयक को पास करवाया जाए और इसको कानूनी रूप दिया जाए। इसी प्रकार केंद्र में भी इसको कानून का दर्जा दिया जाए।

उन्होंने कहा कि भाजपा के सासद राजकुमार सैनी जोकि संवैधानिक पद पर है, लेकिन फिर भी हर शहर में घूम-घूम कर प्रदेश में जात पात का जहर घोल रहे है। इससे प्रदेश में जातीय दंगे होने के आसार हो रहे है। दूसरा हरियाणा के प्रभारी अनिल जैन का अभी अभी बयान आया है कि जाट आरक्षण पार्टी के एजेंडे में नहीं है। इससे तो लगता है कि पार्टी और सरकार इस पर दोहरी नीति अपना रही है। इससे जाट समाज में असंतोष व्याप्त है और समाज सोचने पर मजबूर है कि जाट को आदोलन के लिए मजबूर किया जा रहा है।


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