टीबी अस्पताल को तोड़कर पांच मंजिला अस्पताल बनाने की योजना
जागरण संवाददाता, हिसार : आखिरकार साढ़े पांच दशक बाद जर्जर टीबी अस्पताल को स्वास्थ्य विभाग ने अधिक
जागरण संवाददाता, हिसार :
आखिरकार साढ़े पांच दशक बाद जर्जर टीबी अस्पताल को स्वास्थ्य विभाग ने अधिकारिक तौर पर कंडम घोषित कर दिया है। सुखद पक्ष यह कि स्वास्थ्य अधिकारियों ने अस्पताल को तोड़कर बहुमंजिली भवन निर्माण का प्रस्ताव सरकार को भेजा है। निजी अस्पतालों की तर्ज पर योजना को सिरे चढ़ाने के लिए सीपीएस एवं विधायक डॉ. कमल गुप्ता से आस है। सरकार ने उन्हें स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेवारी सौंपी है। ऐसे में हिसार वासियों को डॉ. गुप्ता से से ना सिर्फ उम्मीद है, बल्कि यकीन है कि सरकारी अस्पतालों के अच्छे दिन आएंगे।
बता दें कि काफी वर्षो से टीबी अस्पताल को कंडम घोषित कर नये सिरे से निर्माण की मांग उठती रही है। अस्पताल के वरिष्ठ अधिकारी एवं चिकित्सक सिविल सर्जन व सरकार के समक्ष अस्पताल के नवनिर्माण की आवाज उठा चुके हैं। पूर्व सरकार के कार्यकाल में टीबी अस्पताल को तोड़कर भवन निर्माण का मामला सिरे चढ़ता दिखा था लेकिन सत्ता पलटने के साथ योजना दफन हो गई। अब फिर से मामला उठा और अस्पताल को कंडम घोषित कर नया प्रस्ताव सरकार के पास मंजूरी के लिए भेजा गया है। स्वीकृति मिलते ही टीबी अस्पताल ही नहीं बल्कि सिविल अस्पताल के अच्छे दिन आ जाएंगे। वक्त की मांग अनुसार स्वच्छ एवं सुव्यवस्थित सहित संपूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं से लैस अस्पताल की हिसार को जरूरत है।
यह होगा फायदा
टीबी अस्पताल की कायापलट होगी तो सिविल अस्पताल पर मरीजों का लोड कम होगा। कई विभागों को नये भवन में स्थानांतरण करने से अस्पताल में काफी जगह होगी, जिससे भीड़-भाड़ की स्थिति नहीं रहेगी। इसके अलावा गुजरी महल के नजदीक होने से अस्पताल में नवनिर्माण व तोड़फोड़ की जरूरत नहीं पड़ेगी। वक्त के साथ बढ़ती स्वास्थ्य सेवाओं के अनुसार अस्पताल में जगह की भारी कमी है, जोकि टीबी अस्पताल के नव निर्माण से खत्म होगी। सीटी स्कैन, किडनी संबंधित बीमारी की जांच, आइसीयू, जच्चा-बच्चा वार्ड इत्यादि के लिए खुला एवं हवादार भवन उपलब्ध होगा। इतना ही नहीं टीबी अस्पताल साइट पर पांच मंजिला भवन निर्माण के साथ बेसमेंट पार्किंग की व्यवस्था भी होगी। यह तभी संभव होगा, जब सरकार प्रस्ताव पर मंजूरी की मुहर लगाएगी।
फिलहाल यह है स्थिति
कंडम भवनों से झड़ता प्लास्टर
टीबी अस्पताल जर्जर हालात में है। यहां दीवारों व छतों से झड़ता प्लास्टर अप्रिय घटना को न्यौता दे रहा है। भूकंप के झटके, तेज बारिश व तूफान में भवन की बूढ़ी दीवारें गिर सकती हैं। इतना ही नहीं आधारभूत ढांचा हिला हुआ है और मूलभूत सुविधाओं का भारी टोटा है। अपर्याप्त स्टाफ और कर्मियों से स्वास्थ्य सेवा पर असर पड़ने लगा है।
सीवरेज व्यवस्था चरमराई
टीबी अस्पताल का सीवरेज व्यवस्था चरमा गई है। मुख्य सड़क से करीब आठ से दस फीट नीचे सीवर है। ऐसे में गंदे पानी की लिफ्टिंग की व्यवस्था न होने से सीवरेज जाम हो जाते हैं। बारिश के दिनों में यहां जलभराव हो जाता है, जिससे मरीजों व अस्पताल स्टाफ को दिक्कत उठानी पड़ती है। सामान्य अस्पताल में भी यही समस्या बनी हुई है।
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संक्रमण फैला रहे लावारिस पशु
टीबी अस्पताल में लावारिस पशुओं का जमावड़ा लगा हुआ है। यहां खच्चर से लेकर सुअर, भेड़-बकरियां तक चराने के लिए पशुपालक आते हैं। इसके साथ ही इनकी वजह से अस्पताल में संक्रमण का दायरा बढ़ गया है। पहले ही सफाई व्यवस्था चरमराई हुई है, ऊपर से पशु यहां गंदगी फैलाते है। इसका दुष्प्रभाव टीबी मरीज और स्वस्थ मरीज, दोनों के स्वास्थ्य पर पड़ता है।
समय लगेगा पर बढि़या करेंगे: सीपीएस
अभी स्वास्थ्य विभाग संभाला है। व्यवस्था सुधारने में थोड़ा समय लगेगा। अपने स्तर पर बढि़या काम करेंगे। मरीजों की हर समस्या दूर होगी, अस्पताल में प्रत्येक स्वास्थ्य सेवाएं मरीजों को उपलब्ध होंगी। जर्जर अस्पतालों की दशा सुधारने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।
'सीपीएस एवं विधायक डॉ. कमल गुप्ता'
सरकार को भेजा है प्रस्ताव : सीएमओ
टीबी अस्पताल को कंडम घोषित कर दिया है। इसे तोड़कर पांच मंजिला भवन एवं बेसमेंट पार्किंग का प्रस्ताव सरकार के पास भेजा है। मंजूरी मिलेगी तो मरीजों को बेहतरीन स्वास्थ्य सेवाओं सहित मूलभूत एवं आधारभूत सुविधाएं मिल पाएंगी।
'डॉ. जेएस ग्रेवाल, सीएमओ'