Move to Jagran APP

अब लिंगानुपात के आंकड़ों पर भिड़ंत

स्वास्थ्य विभाग और बाल विकास परियोजना विभाग के मुजादपुर गाव के संबंधी लिंगानुपात आंकड़ों में भारी अंत

By Edited By: Published: Wed, 01 Jul 2015 10:16 PM (IST)Updated: Wed, 01 Jul 2015 10:16 PM (IST)

स्वास्थ्य विभाग और बाल विकास परियोजना विभाग के मुजादपुर गाव के संबंधी लिंगानुपात आंकड़ों में भारी अंतर

loksabha election banner

अधिकारियों की कार्यशैली व बेटी बचाओ अभियान की गंभीरता पर लगा प्रश्न चिन्ह

पंकज नागपाल, हासी :

मुजादपुर गाव में पिछले एक वर्ष में पैदा हुए बच्चों के बारे में स्वास्थ्य विभाग और बाल विकास परियोजना विभाग के आकड़ों में भारी अंतर सामने आया है। दोनों विभागों के अधिकारी-कर्मचारी अपने आंकड़े को सही करार देने पर तुले हैं और इसके लिए मंथन और लेगवर्क भी शुरू कर दिये हैं। प्रशासन ने भी दोनों विभागों को पुनर्गणना कर अंतिम तौर पर रिपोर्ट तैयार करने के आदेश दिए हैं। ऐसे में दो विभागों के आंकड़ों में भारी अंतर ने अधिकारियों की कार्यशैली व बेटी बचाओ अभियान की गंभीरता पर प्रश्न चिन्ह खड़ा कर दिया है।

हैरत की बात है कि बाल विकास परियोजना विभाग के अधिकारी व कर्मचारी भी आकड़ों में अंतर आने के बाद चुप्पी साधे हुए है और स्थिति स्पष्ट करने से कतरा रहे है। विभाग की सीडीपीओ मुकेश कुमारी ये तो मानती है कि चंडीगढ़ से डायरेक्टर शशि दूहन के नेतृत्व में आला अधिकारियों की टीम ने मुजादपुर में जाकर लिंगानुपात के आकड़ों का सर्वे किया था और स्वास्थ्य विभाग द्वारा एक हजार लड़कों की अपेक्षा 273 बेटियों के आकड़े सही है या गलत, इस पर टिप्पणी करने से बचती रही और अपने विभाग के आकड़ों के बारे में भी किसी तरह की जानकारी होने से मना कर दिया। मुकेश कुमारी ने सिर्फ ये बताया कि टीम ने बिगड़ते लिंगानुपात के आकड़ों पर स्थानीय अधिकारियों व कर्मचारियों को झाड़ पिलाई है और तीन महीने बाद चंडीगढ़ की टीम फिर से इसी गाव में पहुंच कर नये आकड़ों के लिए दोबारा सर्वे करेगी।

बताया जाता है कि चंडीगढ़ से आई बाल विकास परियोजना विभाग की डायरेक्टर ने सोमवार को मुजादपुर गाव में दौरे के दौरान सीडीपीओ व अन्य कर्मचारियों को फटकार लगाते हुए स्वास्थ्य विभाग के आकड़े सामने रख दिए जिसमें दर्शाया गया है कि अप्रैल 2014 से मार्च 2015 तक गाव में 85 लड़के और 26 लड़किया पैदा हुई। डायरेक्टर ने अधिकारियों से जवाब मागा कि विभाग की ओर से लिंगानुपात के इन बिगड़ते आकड़ों को सुधारने के लिए क्या प्रयास किये जा रहे है? उधर बाल विकास परियोजना विभाग से बड़ी मशक्कत के बाद जुटाये गए आकड़ों में स्वास्थ्य विभाग के आकड़ों की अपेक्षा लिंगानुपात की स्थिति बिलकुल विपरीत दिखायी गई है। विभाग के आकड़ों में 1 अप्रैल 2014 से 31 मार्च 2015 के अंतराल में मुजादपुर गाव में 25 लड़कों व 33 लड़कियों ने जन्म लिया और इस गाव के तमाम पैदा हुए बच्चों का रिकार्ड रजिस्टर में दर्ज हैं। विभाग के आकड़ों में 1 जनवरी 2014 से 31 दिसंबर 2014 के अंतराल में 21 लड़कों व 29 लड़कियों के जन्म का रिकार्ड दर्शाया गया है।

रिकार्ड को सही ठहराने की कवायद तेज

बताया जाता है कि अपने रिकार्ड को सही ठहराने के लिए बाल विकास परियोजना विभाग के स्थानीय अधिकारी व कर्मचारी मुजादपुर गाव में इस अंतराल में पैदा हुए तमाम बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र व अन्य दस्तावेज जुटाने में लगे हुए है। बिगड़ते लिंगानुपात के आकड़े सामने आने पर अपने ऊपर गाज गिरते देख स्थानीय अधिकारी व कर्मचारी पूरे दस्तावेज व गाव में बच्चों का जन्म रिकार्ड खंगालने में जुट गए है।

रिकार्ड की होगी जांच : एसडीएम

एसडीएम मुकेश सोलंकी ने लिंगानुपात के आकड़ों में भारी अंतर पर बोलते हुए कहा कि दोनों विभागों के रिकार्ड में भारी अंतर मिला है और इस पूरे मामले में सही क्या है, इसके लिए दोनों विभागों को फिर से गाव में पिछले एक साल के अंतराल में जन्मे बच्चों का रिकार्ड जुटाने के लिए अलग-अलग सर्वे करने के आदेश दिये गए है। सर्वे के बाद दोनों विभागों के लिंगानुपात के रिकार्ड की समीक्षा कर वास्तविक रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजी जाएगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.