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हड़प्पाकालीन सभ्यता पर चल रही है कुदाल

सुनील मान, नारनौंद : गाव राखी गढ़ी में करीब पाच हजार वर्ष पुरानी हड़प्पाकालीन सभ्यता लगभग 900 एकड़ में

By Edited By: Published: Wed, 22 Apr 2015 01:03 AM (IST)Updated: Wed, 22 Apr 2015 01:03 AM (IST)

सुनील मान, नारनौंद : गाव राखी गढ़ी में करीब पाच हजार वर्ष पुरानी हड़प्पाकालीन सभ्यता लगभग 900 एकड़ में फैली हुई है। अभी तक 150 एकड़ भूमि को ही भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने कब्जे में ली है। बाकि बच्ची 750 एकड़ भूमि पर ग्रामीण खेती कर इस सभ्यता को नुकसान पहुचा रहे है। इस जमीन पर खनन कार्य जारी है। पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग जल्द ही बाकि बची भूमि को अपने कब्जे में लेने की तैयारी में है। इसके लिए जल्द ही सर्वे शुरू हो जाएगा।

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हड़प्पाकालीन सभ्यता के अवशेष भारत व पाकिस्तान में मिले है और सबसे बड़ी साइट हरियाणा के गाव राखी गढ़ी में है। इसके अलावा फरमाणा, मिताथल, गिरावड़, बिरड़ाना, कुनाल, बनावड़ी और सुघ में भी इसके अवशेष पाए गए है। राखी गढ़ी में यह सभ्यता करीब 900 एकड़ भूमि में फैली हुई है। केंद्र सरकार ने 1996 में 150 एकड़ भूमि को अपने कब्जे में ले लिया था। यह भूमि 138 एकड़ पंचाचत व 12 एकड़ निजी लोगों की संपत्ति थी। अभी तक यह भूमि पंचायत के नाम ही है और सरकार ने इसे खुदाई के लिए संरक्षित किया हुआ है। बाकि बची 750 एकड़ भूमि को भी खुदाई के लिए संरक्षित करने की तैयारी है ताकि हड़प्पाकालीन संस्कृति के अवशेषों को नष्ट होने से बचाया जा सके। इसके लिए पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग जल्द ही राखी गढ़ी में सर्वे शुरू करने वाला है। इस भूमि को विभाग संरक्षित जरूर करेगा लेकिन भूमि पर कब्जा ग्रामीणों का ही रहेगा।

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हड़प्पाकालीन अवशेष राखी गढ़ी गाव के अलावा खेतों में भी पाए गए है। कुछ किसान नादानी से इस भूमि पर अवैध खनन कर रहे है। वे इस बात से अनजान है कि उनके द्वारा किया जा रहा खनन एक संस्कृति को लुप्त करने का काम कर रहे है। काफी किसानों ने अपने खेतों का लेवल सही करने के लिए इस पर खुदाई करवा रहे है और कुछ किसान पैसे के लालच में मिट्टी का अवैध खनन का धधा कर रहे है।

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राखी के अलावा गाव लोहारी राघो, हैबतपुर, गामड़ा गाव के आसपास भी हड़प्पाकालीन सभ्यता के अवशेष मिले है। अगर सरकार इस सभ्यता की ओर गहराई में जाना चाहती है तो इसे जल्द संरक्षित करने की जरूरत है। वैसे पिछले काफी सालों से सरकार की अनदेखी के कारण अभी तक इस सभ्यता को कोई खास पहचान नहीं मिल पाई है।

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इस संबंध में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के उत्तर क्षेत्र के निदेशक टीकाराम शर्मा से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि यह हमारी सास्कृतिक धरोहर है और राखी गढ़ी पूरे विश्व में हड़प्पाकालीन की सबसे बड़ी साइट है। यहा पर खुदाई के दौरान काफी अवशेष मिल चुके है। 150 एकड़ भूमि को संरक्षित किया जा चुका है और जल्द ही सर्वे करवाकर बाकि बची भूमि को भी संरक्षित कर लिया जाएगा।


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