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पेटवाड़ तपा ने नकारा महापंचायत का फैसला

By Edited By: Published: Tue, 22 Apr 2014 01:00 AM (IST)Updated: Tue, 22 Apr 2014 01:00 AM (IST)
पेटवाड़ तपा ने नकारा महापंचायत का फैसला

संवाद सूत्र, नारनौंद : सतरोल खाप द्वारा लिए गए फैसले से पेटवाड़ तपा के लोग खफा है। पेटवाड़ तपा के लोगों ने गाव थुराना में तपा प्रधान रणधीर सिंह की अध्यक्षता में एक पंचायत कर इस फैसले को नहीं मानने का ऐलान कर दिया है। सोमवार को हुई पंचायत में पेटवाड़ तपा के लोगों ने सतरोल खाप की बरसों पुरानी रीति को नहीं तोड़ने का निर्णय लिया।

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ज्ञात हो कि रविवार को सतरोल खाप के प्रधान सूबेदार इन्द्र सिंह ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया कि आज से सतरोल खाप में आपस में रिश्ते-नाते खोल दिए गए है। इस फैसले के तुरत बाद पेटवाड़ तपा के अंतर्गत आने वाले गाव पाली, ढाणी ब्राह्माणान, गंगन खेड़ी, कुम्भा, कुम्भा खेड़ा, जामनी, खांडा खेड़ी, पेटवाड़, कागसर, सुलचानी थुराना के लोगों ने एक मत से इस फैसले का विरोध किया और गाव थुराना में एक पंचायत आयोजित कर इस पर मोहर लगा दी कि पेटवाड़ तपा इस फैसले से नाराज है लोग पूरी सतरोल खाप के किसी भी गाव में न ही रिश्ते करेगा और न ही रिश्तेदारी लेगा। पेटवाड़ तपा के प्रधान रणधीर सिंह ने कहा कि सतरोल खाप के प्रधान ने जो फैसला लिया है वह दबाव में आकर लिया है। पंचायत में हमारे तपे के लोगों को अपना पक्ष रखने के लिए समय नहीं दिया गया और जो कमेटी बनाई थी उसमें भी पेटवाड़ तपे से किसी भी व्यक्ति को शामिल नहीं किया गया।

सतरोल खाप के प्रवक्ता फूल कुमार पेटवाड़ ने बताया कि पेटवाड़ तपा के लोगों के साथ पंचायत में अच्छा व्यवहार नहीं किया गया। इसलिए हम इस फैसले का विरोध करते है। हम भाइचारे के पक्ष में है। अगर सतरोल खाप में आपस में रिश्तेदारी होने लगी तो भाईचारा नहीं रहेगा और सतरोल खाप की शक्ति भी कम हो जाएगी। पेटवाड़ तपा तथा खाप के अन्य जो लोग इस फैसले के विरुद्ध है उनकी एक पंचायत मंगलवार को गाव पेटवाड़ में बुलाई जाएगी। पंचायत में जो निर्णय लिया जाएगा वो सभी को मान्य होगा। सतरोल खाप की पंचायत में हमको धोखे में रखा गया। तपों से बाहर के गाव में रिश्तेदारी का निर्णय लेने की संभावना थी लेकिन फैसला कुछ और ही लिया गया।

हम नहीं मानते फैसला : रणधीर

पेटवाड़ तपा के प्रधान रणधीर सिंह ने बताया कि हमने इस फैसले को सिरे से नकार दिया है। पेटवाड़ तपा के लोग सतरोल खाप के अंतर्गत आने वाले 43 गावों में रिश्ते-नाते नहीं करेंगे और बुजुर्गो ने जो विरासत में भाईचारा हमें दिया था उस पर हम कायम रहेंगे।

जरूरी था यह फैसला : इंद्र सिंह

सतरोल खाप के प्रधान सूबेदार इन्द्र सिंह ने कहा कि तीन तपों के लोगों ने जो कहा हमने वही फैसला किया है। आज इस फैसले की समय के अनुसार जरूरत भी थी। पेटवाड़ तपा के कुछ लोगों को अगर इस फैसले में बुराई लगती है तो हम उनको समझाने का प्रयास करेंगे। वैसे हमने इस फैसले को किसी पर थोपा नहीं है अगर कोई व्यक्ति सतरोल में रिश्तेदारी नहीं करना चाहता तो वो स्वतंत्र है। सतरोल खाप का भाईचारा पहले जैसा ही रहेगा।


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