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ढाई वर्ष से खेल नर्सरी व हॉस्टल के अलावा स्पैट स्कीम बंद

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम : पिछले ढाई वर्ष से प्रदेश में खेल विभाग की तरफ से खेल नर्सरी व हॉस्टल

By JagranEdited By: Published: Thu, 23 Feb 2017 06:19 PM (IST)Updated: Thu, 23 Feb 2017 06:19 PM (IST)
ढाई वर्ष से खेल नर्सरी व हॉस्टल के अलावा स्पैट स्कीम बंद
ढाई वर्ष से खेल नर्सरी व हॉस्टल के अलावा स्पैट स्कीम बंद

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम : पिछले ढाई वर्ष से प्रदेश में खेल विभाग की तरफ से खेल नर्सरी व हॉस्टल के अलावा स्पैट स्कीम बंद हैं। उन्हें जल्द शुरू करने की जरूरत है। अगर जल्द शुरू नहीं की गई तो आने वाले वर्षो में इसका प्रदेश को खामियाजा भुगतना पड़ेगा। प्रदेश के पास नए खिलाड़ी नहीं होंगे।

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पूर्व अंतरराष्ट्रीय वॉलीबॉल खिलाड़ी व अर्जुन अवार्डी रिटायर्ड स्पो‌र्ट्स डायरेक्टर कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी दलेर ¨सह का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जीतने वाले खिलाड़ी को इनाम दिया जा रहा है, वो बेहतर है लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचने के लिए खिलाड़ी तैयार करने पर ज्यादा खर्च करना होगा। ¨सह ने कहा कि जो स्कीम बंद हैं, उससे छोटे- छोटे खिलाड़ियों को बड़ा लाभ होता था लेकिन आज सब बंद होने कारण इसका नुकसान बाद में दिखेगा।

¨सह ने कहा कि अगर हरियाणा आज कुश्ती, हॉकी, जूडो, वॉलीबॉल व अन्य कई खेलों में बेहतर कर रहा है तो यह खेल नर्सरी का ही रिजल्ट है। उन्होंने कहा कि सरकार किसी भी नाम से खेल स्कीम शुरू करे, उसका लाभ मिलना, खिलाड़ियों को ही है।

पदक जीतने से पहले मिले सुविधा

घोषणाओं को फाइलों से निकाल कर जमीनी स्तर पर ले जाना होगा। हमें यह सोच बदलनी होगी कि ओलंपिक व एशियाई खेलों में पदक जीतने के बाद बड़ा इनाम देंगे या दे रहे हैं। हमने पहले जमीनी स्तर पर ज्यादा सुविधा देने की सोच बनानी चाहिए। एशिया व ओलंपिक में पदक जीतने लायक खिलाड़ी तैयार करने हैं तो प्रदेश के हर जिले में खेलों को वह सुविधा देनी चाहिए, जो राष्ट्रीय कैंप में मिल रही हैं। किसी ने कितने ही दावे किए हों, लेकिन जिला स्तर पर ही सुविधाएं खिलाड़ियों से कोसों दूर हैं। खेल विभाग अभी ऐसी कोई सुविधा नहीं दे रहा है, जिससे राष्ट्रीय स्तर पर भी ज्यादा पदक जीत सकें। अगर ऐसे हालात रहे, तो आने वाले वर्षों में राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश के पदक कम होंगे।


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