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उद्योगों की राह में बाधा बन रहे टोल वसूली और मेट्रो की कमी

सेक्टर आठ में ही वल्र्ड ट्रेड सेंटर भी बनाया गया है, लेकिन अभी तक इसके सभी फ्लोर खाली हैं। ऐसे ही सेक्टर आठ में अनेकों बड़ी इमारतें बनकर तैयार हो चुकी हैं कई इमारतों का काम अधर में ही लटका दिया गया है।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Thu, 08 Dec 2016 04:27 PM (IST)Updated: Thu, 08 Dec 2016 05:05 PM (IST)

मानेसर [ गोविन्द फलस्वाल ] । आइएमटी मानेसर में इंफार्मेशन टेक्नोलॉजी (आइटी) उद्योग की राह में मानेसर तक मेट्रो का नहीं पहुंचना सबसे बड़ी रुकावट बन रहा है। आइएमटी मानेसर में आइटी के लिए सेक्टर आठ में बड़े प्लॉट बनाए गए हैं।

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सेक्टर आठ में ही वल्र्ड ट्रेड सेंटर भी बनाया गया है, लेकिन अभी तक इसके सभी फ्लोर खाली हैं। ऐसे ही सेक्टर आठ में अनेकों बड़ी इमारतें बनकर तैयार हो चुकी हैं कई इमारतों का काम अधर में ही लटका दिया गया है।

इसका मुख्य कारण है आइएमटी मानेसर की गुरुग्राम, नोएडा और गाजियाबाद से किसी प्रकार की कनेक्टिविटी नहीं होना।

मेट्रो पहुंचने से आसान होगी राह

आइएमटी मानेसर में अपने उद्योग चलाने वाले उद्यमियों का कहना है कि आइएमटी निवेश के लिए अच्छी जगह है लेकिन गुरुग्राम, दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद के लिए कनेक्टिविटी नहीं होने से काफी परेशानियां हो रही हैं। आइएमटी को मेट्रो से जोडऩे से मानेसर और अन्य आइटी से जुड़े शहरों से कनेक्टिविटी बढ़ जाएगी।

इससे आइएमटी मानेसर में भी आइटी उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। आइएमटी के सेक्टर आठ को मेट्रो से जोडऩे का प्रपोजल भी तैयार किया गया है लेकिन अभी तक इस पर कोई कार्य शुरू नहीं किया गया है। मेट्रो से जुडऩे के बाद दिल्ली और उत्तर प्रदेश से भी लोग प्रतिदिन मानेसर काम के लिए आ सकेंगे।

खेड़की दौला टोल प्लाजा से हो रहा उद्योग प्रभावित

दिल्ली-जयपुर हाईवे पर बने खेड़की दौला टोल भी आइएमटी के उद्योगों को प्रभावित कर रहा है। टोल पर सुबह और शाम के समय रोजाना लंबा जाम लगता है।

आइटी क्षेत्र में काम करने वाले लोग भी सुबह आते हैं और शाम के समय घर जाते हैं इससे इस क्षेत्र के लोगों को प्रतिदिन जाम में ही फंसना पड़ेगा। आइएमटी में उद्योगों से जुड़े लोगों का कहना है कि आइएमटी में निवेश और उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए खेड़की दौला टोल को हटाया जाना चाहिए।

इससे गुरुग्राम और दिल्ली से आने वाले लोग प्रतिदिन मानेसर तक का सफर कर सकेंगे। टोल होने से आइटी केवल गुरुग्राम तक ही सीमित होने लगी हैं।

खाली पड़ी ऊंची इमारतें

आइएमटी में आइटी सेक्टर के लिए सेक्टर आठ में बड़े प्लॉट बनाए गए हैं। इनको आवंटित भी किया जा चुका है लेकिन अभी तक इसमें भी कंपनी नहीं शुरू की गई है।

सेक्टर आठ में केवल दो यह तीन ही आइटी कंपनियां चल रही हैं। इन कंपनियों को अपने कर्मचारियों को अपनी बसों के माध्यम से गुरुग्राम या दिल्ली तक छोडऩा पड़ता है। इसी कारण दूसरी कंपनियां आइएमटी में आने से किनारा करने लगी हैं। आइएमटी में आइटी के लिए बनाई गई इमारतें खाली पड़ी हैं या निर्माणाधीन हैं।


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