प्राइवेट अस्पताल स्वाइन फ्लू व डेंगू को लेकर बरतें सावधानी : उपायुक्त
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम : स्वाइन फ्लू व डेंगू को लेकर जिला उपायुक्त विनय प्रताप ¨सह ने मंगलव
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम : स्वाइन फ्लू व डेंगू को लेकर जिला उपायुक्त विनय प्रताप ¨सह ने मंगलवार को प्राइवेट अस्पतालों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर हिदायतें दी हैं कि स्वाइन फ्लू व डेंगू के मामलों में सावधानी बरतें। इस मौके पर सिविल सर्जन डॉ. बीके राजौरा ने बताया कि इस वर्ष गुरुग्राम में स्वाइन फ्लू के 45 संदिग्ध मामले व 14 डेंगू के मरीज मिले हैं लेकिन प्राइवेट अस्पतालों में इलाज कराने पहुंच रहे मरीजों को डेंगू या स्वाइन फ्लू ग्रस्त ही बताया जा रहा है। ऐसा करने से लोगों में बीमारी का डर पैदा होता है। उन्हीं मरीजों के सैंपल की जब सरकारी अस्पताल में जांच की जाती है तो वे डेंगू या स्वाइन फ्लू ग्रस्त नहीं मिलते।
डॉ. रजौरा ने कहा कि स्वाइन फ्लू तीन प्रकार का होता है, जिसे हम ए, बी और सी श्रेणी में बांट सकते हैं। यदि कोई भी मरीज अस्पताल में इलाज के लिए जाता है तो सबसे पहले डॉक्टर को ये जानने की जरूरत है कि मरीज किस श्रेणी में आता है। अगर मरीज श्रेणी-ए व बी का मरी•ा का है तो उसे भर्ती करने की आवश्यकता नहीं होती। डॉ. रजौरा ने कहा कि जो मरीज सी श्रेणी का है, उसे ही अस्पताल में भर्ती करना चाहिए। श्रेणी-ए में व्यक्ति को केवल साधारण फ्लू जैसे-सर्दी, खांसी , जुकाम व बुखार आदि होता है। श्रेणी-बी में सर्दी, खांसी, गले में दर्द, जुकाम व बुखार श्रेणी-ए के मुकाबले अधिक हो जाता है। इसी प्रकार, श्रेणी-सी के मरीज की चेस्ट में इंफेक्शन होता है, जिससे सांस लेने में परेशानी होने लगती है। डॉ. रजौरा ने कहा कि कोई भी प्राइवेट अस्पताल स्वाइन फ्लू की जांच के लिए 4500 रूपये से अधिक चार्ज नहीं कर सकता और यदि कोई ऐसा करता है तो अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। इसके अलावा डेंगू टेस्ट 600 रुपये व आरटीपीसीआर (डेंगू व चिकनगुनिया) के लिए 1000 रुपये से अधिक चार्ज नहीं कर सकते।