प्रॉपर्टी टैक्स की गलत रिपोर्ट बनाने पर एक जेई और एक असिस्टेंट बर्खास्त
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: प्रॉपर्टी टैक्स के लिए गलत जांच रिपोर्ट बनाने पर नगर निगम ने आउटसोर्स
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: प्रॉपर्टी टैक्स के लिए गलत जांच रिपोर्ट बनाने पर नगर निगम ने आउटसोर्स पर नियुक्त एक जेई और एक असिस्टेंट को बर्खास्त कर दिया है। गुरुग्राम में बड़े पैमाने पर पीजी और गेस्ट हाउस चल रहे हैं, लेकिन ज्यादातर पीजी और गेस्टहाउस मालिक नगर निगम में कमर्शियल की जगह रेजिडेंशियल का शपथ पत्र जमा करवाकर रेजिडेंशियल का ही प्रॉपर्टी टैक्स दे रहे हैं। नगर निगम ने इस संबंध में जब जांच शुरू की तो दो कर्मचारियों की इंस्पेक्शन रिपोर्ट में गड़बड़ी पाई गई।
नगर निगम के जोन-2 में असिस्टेंट प्रीत ¨सह और जोन-3 में जेई अनिल को अधिकारियों ने बर्खास्त कर दिया। हालांकि दोनों को बर्खास्त करने का मामला एक सप्ताह और पंद्रह दिन पुराना है, लेकिन अब रेजिडेंशियल का शपथ पत्र देने वाले 297 पीजी और गेस्ट हाउस की जांच शुरू होने के बाद से निगम कर्मचारियों की रातों की नींद उड़ी हुई है। सूत्रों के मुताबिक पीजी और गेस्ट हाउस की जांच में कई और कर्मचारी भी लपेटे में आ सकते हैं।
टैक्स बचाने के फेर में कर रहे घोटाले
रेजिडेंशियल और कमर्शियल प्रॉपर्टी टैक्स दर में काफी ज्यादा अंतर है। शहर में करीब दो हजार से ज्यादा पीजी और गेस्ट हाउस चल रहे हैं। टैक्स में छूट के दौरान अभी कुछ दिन पहले 297 प्रॉपर्टी मालिकों ने नगर निगम में शपथ पत्र दिया था कि उनके घर में किसी तरह का कोई पीजी या गेस्ट हाउस नहीं चल रहा है।
निगम अधिकारियों की जांच में शपथ पत्र देने वाले 297 में से 100 घरों की जांच पूरी हो चुकी है, जिनमें पाया गया है कि 70 से 80 घरों में पीजी या गेस्ट हाउस चल रहे हैं। नगर निगम अधिकारियों के मुताबिक संपत्ति मालिकों के शपथ पत्र देने के बाद इन आउटसोर्स के इन दो कर्मचारियों ने प्रॉपर्टी का मुआयना किया था, लेकिन मुआयने के दौरान इंस्पेक्शन रिपोर्ट गलत बना दी और कमर्शियल प्रॉपर्टी को रेजिडेंशियल दिखा दिया गया।
टैक्स में कई गुना का अंतर: नगर निगम के अधिकारियों के मुताबिक 300 गज तक के मकान पर एक रुपये प्रति गज के हिसाब से प्रॉपर्टी टैक्स लिया जाता है। कमर्शियल के लिए दो तरह की कैटेगिरी निर्धारित की गई है, जिसमें 15 रुपये वर्ग फुट और 24 रुपये प्रति वर्ग गज से प्रॉपर्टी टैक्स वसूला जाता है।
आउटसोर्स पर लगे कर्मचारी कर रहे धांधली
नगर निगम में ज्यादातर स्टाफ आउटसोर्स के जरिये भर्ती किया गया है। गत दिनों विजिलेंस टीम ने नगर निगम में एक आउटसोर्स पर नियुक्त किए पटवारी को भी 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था। नगर निगम में आउटसोर्स पर लगे क्लर्क और असिस्टेंट लेवल के पदों पर नियुक्त कर्मचारियों को 12 से 14 हजार रुपये का वेतन मिलता है। सूत्रों के मुताबिक ये कर्मचारी रिश्वत के नाम पर लोगों से मोटा पैसा वसूल रहे हैं।
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पीजी और गेस्ट हाउस की जांच शुरू कर दी गई है। गलत शपथ पत्र देने वाले संपत्ति धारकों और इनकी गलत रिपोर्ट देने वाले निगम कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
- वी. उमाशंकर, निगमायुक्त नगर निगम गुरुग्राम।