मंदबुद्धि गर्भवती महिला को डाक्टर दिन भर घुमाते रहे
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम : दुष्कर्म पीड़ित मंदबुद्धि गर्भवती महिला को दो जिलों के डॉक्टर घुमाते रहे
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम : दुष्कर्म पीड़ित मंदबुद्धि गर्भवती महिला को दो जिलों के डॉक्टर घुमाते रहे। प्रसव पीड़ा से परेशान महिला को पहले नूंह जिला मांडीखेड़ा अस्पताल से बिना कागजात बनाए गुरुग्राम जिला अस्पताल भेजा गया। यहां भी पूरे दिन महिला इधर-उधर टहलाया गया बाद उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में दाखिल करा दिया गया।
नूंह जिला के कस्बा पुन्हाना के बाजार में मंदबुद्धि महिला लावारिस हालत में घूमती रहती थी। उसके साथ किसी ने दुष्कर्म किया था, जिसके चलते वह गर्भवती हो गई थी। 20 अप्रैल को जब महिला दर्द से तड़पने लगी तो बाजार के दुकानदार महिला को मांडी खेड़ा के अलआफिया अस्पताल में लेकर पहुंचे थे। वहां पर डाक्टरों ने डिलीवरी कराने से मना कर दिया। इसके बाद महिला को प्राइवेट अस्पताल में ले जाया गया था। वहां से डाक्टरों ने नल्हड़ मेडिकल कालेज (नूंह) में भेज दिया। लेकिन महिला की डिलीवरी मेडिकल कालेज के डाक्टरों ने कराने से मना कर दिया, जबकि वहां पर सभी सुविधा थी। बाद में लोग महिला को लेकर फिर वापस मांडीखेड़ा अस्पताल पहुंचे। वहां के डाक्टरों ने बिना कागजात बनाए महिला को गुरुग्राम जिला नागरिक अस्पताल में भेज दिया। गुरुग्राम जिला अस्पताल के चिकित्सक ने भी मानवता भूल सारी सुविधा होते हुए भी महिला को रात नौ बजे सफदरजंग अस्पताल भेज दिया। महिला की हालत कैसी है यह भी जिला अस्पताल के डॉक्टर को नहीं पता है। सफदरजंग अस्पताल प्रशासन से संपर्क किया तो वहां से भी सही जानकारी नही मिल सकी।
गुरुग्राम के डाक्टरों ने रेफर फाइल पर लिखा है कि महिला की पहली डिलीवरी आपरेशन से हुई थी। इसके कारण दूसरा बच्चा भी आपरेशन से होगा। अस्पताल में महिला रोग विशेषज्ञ डाक्टरों की बड़ी टीम होने के साथ सारी सुविधाएं हैं। लेकिन रात समय कोई डाक्टर आना ही नहीं चाहता था।
मामला मेरे संज्ञान में आया है। उस समय किस डॉक्टर की डयूटी थी, महिला को किन कारणों से रेफर किया गया यह जांच का विषय है। अपने स्तर पर जांच करा दोषी पाए जाने पर कार्रवाई की संस्तुति करूंगी। महिला की हालत अब कैसी है यह भी पता लगाएंगे।
डा. कांता गोयल, प्रधान चिकित्सा अधिकारी।