खेल : स्टार तैराक कहां करे अब प्रैक्टिस
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम : अगर प्रदेश के तैराकों को सर्दी के मौसम में भी प्रैक्टिस करने का मौका म
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम : अगर प्रदेश के तैराकों को सर्दी के मौसम में भी प्रैक्टिस करने का मौका मिले तो कुश्ती की तरह प्रदेश के तैराक भी राष्ट्रीय स्तर पर ज्यादा पदक जीतने में सक्षम होंगे, लेकिन हर वर्ष सर्दी के मौसम में प्रैक्टिस बंद कर दी जाती है। करीब चार महीने प्रैक्टिस से दूर रहने पर खिलाड़ी की सारी मेहनत खराब हो जाती है। उसे फिर नई शुरुआत करनी होती है।
तैराकी एक्सपर्ट संदीप टोकस का कहना है कि चार महीने तो दूर चार दिन प्रैक्टिस नहीं करने पर खिलाड़ी को काफी नुकसान हो जाता है। अक्टूबर से लेकर मार्च तक स्वि¨मग पूल बंद रहते हैं। तैराक प्रैक्टिस नहीं कर पाते। प्रदेश में खेल विभाग के पास ऐसा एक भी स्वि¨मग पूल नहीं है, जिसमें सर्दी के मौसम में प्रैक्टिस की जा सके। प्रदेश के उन जिलों में कभी ऐसे स्वि¨मग पूल तैयार नहीं हो पाए, जहां के तैराक राष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने में कामयाब रहते हैं।
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ओलंपियन शिवानी को छोड़ना पड़ा अपना शहर
चार वर्ष पहले ओलंपियन शिवानी कटारिया बेंगलुरु चली गई थीं ताकि सर्दी के मौसम में प्रैक्टिस जारी रख सके। शिवानी ने 12 महीने प्रैक्टिस की और उसे ओलंपिक में जाने का मौका मिला। आज प्रदेश में ऐसे उभरते हुए तैराकी खिलाड़ी हैं, जो आगे चलकर राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन कर सकते हैं, लेकिन उनके पास प्रैक्टिस के साधन नहीं हैं।
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हमने अलग-अलग जिले में अंतरराष्ट्रीय स्तर के स्वि¨मग पूल बनाने के लिए तैयारी की है। गुरुग्राम में नगर निगम एक बड़ा स्वि¨मग पूल बनाएगी। इसी तरह अन्य जिलों में तैयारी की जा रही है। यह स्वि¨मग पूल 12 महीने प्रैक्टिस करने लायक होंगे।
-जगदीप ¨सह, खेल निदेशक।